डेली संवाद, जालंधर
जालंधर के बीर बबरीक चौक के पास अवैध रूप से दो मंजिला कामर्शियल माल बनाने वाले शख्स ने शिकायत करने वाले इलाके के लोगों को ही धमका डाला है। निजात्म नगर के जिन लोगों ने इस अवैध माल की शिकायत, उन्हें अब धमकी मिल रही है। अवैध रूप से दो मंजिला माल खड़ा करने वाले शख्स ने इलाके के लोगों से कहा है कि इंस्पैक्टर से लेकर बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों को लाखों रुपए खिलाए हैं, अवैध माल में से कोई एक ईंट भी नहीं निकाल सकता। अगर शिकायत करते रहोगे, तो अंजाम बहुत बुरा होगा।
इलाके के लोगों ने नाम न छापने की शर्त बताया कि उक्त व्यापारी पूरी तरह से बदमाशी पर उतर आया है। गली के नुक्कड़ पर दो मंजिला अवैध रूप से माल बनाकर मोहल्ले के लोगों को परेशान कर रहा है। मेयर जगदीश राजा, निगम कमिश्नर करुणेश शर्मा को कई बार शिकायत दी, लेकिन दोनों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इलाके के लोगों का आरोप है कि अवैध माल बनाने वाला शख्स ने धमकी दी है कि अगर दोबारा शिकायत की तो अंजाम बुरा होगा।
मेयर जगदीश राजा और कमिश्नर करुणेश शर्मा से लगातार चार महीने से इस अवैध इमारत की शिकायत की जा रही है, लेकिन इन चार महीनों में अवैध इमारत का न तो काम रोका गया और न ही कोई नोटिस जारी हुआ। ऊपर से अब जब मोहल्ले के लोगों ने फिर से शिकायत की तो, अवैध निर्माण करने वाला शख्स मोहल्ले के लोगों को धमकी दे रहा है। जिससे लोगों ने कहा कि अगर इस इमारत पर कार्रवाई नहीं हुई तो नगर निगम का घेराव किया जाएगा।
निगम अफसरों के आंख-कान, मुंह सब बंद
नगर निगम के जोनल दफ्तर के चंद कदम दूर बस्ती नौ से बबरीक चौक की तरफ जाती रोड पर निजातम नगर गली नम्बर 7 के बाहर नारायण नगर के एक मकान को तोड़ कर हाल बनाया गया फिर बाहर टू साइड ओपन प्लाट में दुकाने बनाई गई और दोनों को बड़ी सफाई के साथ आपस मे जोड़ कर मल्टी स्टोरी माल का रूप दिया जा रहा है जिसके 2 फ्लोर तैयार हो चुके है। हैरानी की बात तो यह है कि इस अवैध निर्माण की शिकायत के बाद अप्रैल में अखबारों में खबरें भी खूब छपी थी। तब इस निर्माण को रोकने का ड्रामा किया गया। अब यहां दो मंजिला कामर्शियल माल बनकर खड़ा हो गया है।
वहीं, अवैध निर्माण करवाने वाले शख्स द्वारा इंस्पैक्टर समेत अफसरों का लाखों रुपए रिश्वत खिलाने की धमकी के बारे में जब इंस्पैक्टर दिनेश जोशी और किरणदीप सिंह से बात की गई, तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया। कहा इसे लेकर आप एटीपी, एमटीपी और एसटीपी से बात करो। कार्रवाई के लिए ऊपर से आदेश आता है। वहीं, इस अवैध माल के निर्माण पर एटीपी, एमटीपी और एमटीपी ने अपने मुंह सिल लिए हैं।