डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर की जिला एवं सत्र अदालत ने करीब 35 साल पुराने जालंधर के कारोबारी सुरिंदर सिंह मक्कड़ की हत्या के मामले में लुधियाना के आतंकी सतिंदरजीत सिंह उर्फ मिंटू को उम्रकैद की सजा सुनाई है। आज दोपहर से पहले कोर्ट ने खालिस्तानी आतंकी मिंटू को दोषी करार दे दिया था और सजा पर फैसला बाद दोपहर से लिए पेंडिंग रख लिया था। अब कोर्ट ने हत्या और टाडा के तहत आतंकी मिंटू को ताउम्र जेल की सजा सुनाई है।
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पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ के भाई सुरिंदर सिंह मक्कड़ की घर पर ही मिंटू ने अपने 3 साथियों के साथ गोलियां मारकर हत्या की थी। पीड़ित पक्ष की तरफ से कोर्ट में केस लड़ रहे एडवोकेट मनदीप सिंह सचदेव ने कहा कि सुरिंदर सिंह मक्कड़ की हत्या में सतिंदर सिंह के साथ शामिल आतंकियों हरदीप सिंह विक्की, हरविंदर सिंह और पलविंदर सिंह पहले ही मौत हो चुकी है। अब सिर्फ कोर्ट ने सजा सिर्फ मिंटू को सजा हुई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने यह मामला घर की नौकरानी स्वर्ण कौर के बयान पर दर्ज किया गया था। स्वर्ण कौर इस मामले दी चश्मदीद भी थी।
एडवोकेट मनदीप सिंह सचदेव ने कहा के बेशक 36 साल, एक बहुत लंबे समय के बाद फैसला आया है लेकिन परिवार को आज अदालत से न्याय मिला है। उन्होंने कहा कि आतंकी संतिदरजीत सिंह उर्फ मिंटू को हत्या और टाडा के तहत उम्रकैद की सजा हुई है। यह दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
य़ह है मामला
मॉडल टाउन के साथ लगते गुरु तेग बहादुर नगर में 22 जनवरी, 1987 में मक्कड़ के भाई के घर की घंटी बजी। बूटा मंडी की रहने वाली घरेलू नौकरानी स्वर्ण कौर ने जैसे ही गेट खोला तो आतंकी जिनमें संतिंदरजीत सिंह और उसके तीन साथी हरदीप सिंह विक्की, हरविंदर सिंह और पलविंदर सिंह घर में घुस गए। सभी के हाथों में हथियार थे। इन्होंने घर में घुसते ही फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में नौकरानी और अन्य लोग तो बच गए, लेकिन सुरिंदर सिंह मक्कड़ का शरीर गोलियों से छलनी हो गया और उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
पुलिस थाना डिवीजन नंबर छह की पुलिस ने हत्या और हत्या का प्रयास का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। जब सुरिंदर सिंह का कत्ल हुआ था तब उनका बेटा प्रिंस मक्कड़ पांच साल का था। वर्तमान में प्रिंस मक्कड़ शहर के बहुचर्चित गिक्की हत्या कांड में गुरदासपुर जेल में बंद है।
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सुरिंदर सिंह मक्कड़ की हत्या के बाद मिंटू फरार हो गया था। तत्कालीन डीजीपी ने विशेष टीमों का गठन करके दिल्ली, यूपी समेत कई जगहों पर छापेमारी की लेकिन मिंटू पुलिस के हाथ नहीं लगा। मिंटू वारदात के 18 साल बाद 22 जून 2005 को पकड़ा गया। मिंटू खालिस्तान कमांडो फोर्स का आतंकी है। उसके कनेक्शन बब्बर खालसा से भी थे।
पुलिस ने जांच पूरी कर मिंटू के खिलाफ चालान भी पेश किया, लेकिन कुछ साल जेल में रहने के बाद मिंटू जमानत पर छूट गया। जमानत पर छूटने के बाद मर्डर केस के सिलसिले में दोबारा अदालत में पेश नहीं हुआ। इस पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए आतंकी सतिंदरजीत सिंह उर्फ मिंटू को अगस्त 2009 में भगौड़ा घोषित कर दिया था।
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कोर्ट से भगौड़ा होने बाद मिंटू नशा तस्करी के धंधे में जुट गया। वह पाकिस्तान से आई चार किलो हेरोइन की खेप लेकर जा रहा था कि उसे मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने नाकाबंदी कर साल 2013 में काबू कर लिया। मिंटू से हेरोइन के जो पैकेट बरामद हुए उनपर पाकिस्तान की मुहर के साथ-साथ उर्दू में 999 लिखा हुआ था।
इसके बाद जालंधर पुलिस मिंटू को बटाला से जालंधर में ले आई। कोर्ट में पेश कर उसे जेल में बंद करने के बाद दोबारा मर्डर केस का ट्रायल शुरू हुआ। जिसमें आज जिला एवं सत्र अदालत ने आतंकी सतिंदरजीत सिंह मिंटू को दोषी करार दे दिया है। अब उसे सजा सुनाई जानी बाकी है।
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