डेली संवाद, जालंधर
चेयरमैन दलजीत सिंह आहलूवालिया के इस्तीफा देने के बाद इंप्रूवमेंट ट्रस्ट जालंधर ‘अनाथ’ हो गया है। कोर्ट के फैसले के बाद भी लोगों को उनका मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। लोग कोर्ट के आदेश की कापी लेकर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट दफ्तर जाते तो जरूर हैं, लेकिन उन्हें वहां कोई अफसर नहीं मिलता है, जिससे उनकी गाढ़ी कमाई की रकम वापस मिल सके।
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के अलाटियों के हक की लड़ाई लड़ने वाले दर्शन आहूजा कहते हैं कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट इस समय लावारिस की स्थिति में है। चेयरमैन रहे दलजीत सिंह आहलूवालिया ने अपने समय में पब्लिक हित में बड़े काम किए। इसमें सबसे बड़ा काम कई सालों से फंसी वह रकम थी, जो कोर्ट के आदेश के बाद भी अलाटियों को नहीं मिल पा रही थी।
चंडीगढ़ और फिर दिल्ली तक केस लड़ते रहे
इसे लेकर दर्शन आहूजा ने जालंधर के कंज्यूमर कोर्ट से लेकर चंडीगढ़ और फिर दिल्ली तक केस लड़ते रहे। दर्शन आहूजा कहते हैं कि कोर्ट में केस जीतने के कई सालों तक लोगों को इंप्रूवमेंट ट्रस्ट पैसा वापस नहीं कर रहा था, जिसे लेकर लंबी लड़ाई लड़ी गई। दलजीत सिंह आहलूवालिया जब चेयरमैन बने, तो उन्होंने अलाटियों के साथ मीटिंग की और एक-एक कर के सभी अलाटियों को पैसे वापस दिलवाए।
अब दलजीत सिंह आहलूवालिया के इस्तीफे के बाद इंप्रूवमेंट ट्रस्ट अनाथ की अवस्था में है। यहां किसी भी अलाटी को कोई अफसर नहीं सुन रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1999, 2020 और 2021 के 32 लोगों का करीब 1.25 करोड़ रुपए फंसे हैं। चेयरमैन रहे दलजीत सिंह आहलूवालिया ने इसमें से कईयों के पार्ट पेमेंट शुरू करवाया था, एक उम्मीद जगी थी कि सभी को उनके पैसे मिल जाएंगे, लेकिन आहलूवालिया के इस्तीफे के बाद सबकुछ बंद हो गया।
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