डेली संवाद, केरल | Radhamani Amma : केरल की रहने वाली 71 साल की राधामाणी अम्मा, जिन्हें प्यार से मणि अम्मा कहा जाता है, वह उम्र और लिंग की बंदिशों को तोड़कर गाड़ी चलाने में निपुणता हासिल करने वाली एक मिसाल हैं। उनकी खासियत ये है कि वह न सिर्फ आम गाड़ियां चलाती हैं, बल्कि जेसीबी और क्रेन जैसी भारी वाहनों को चलाने के लिए भी उनके पास लाइसेंस हैं। कुल मिलाकर उनके पास 11 तरह के गाड़ियों के लाइसेंस हैं!
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Radhamani Amma की गाड़ी चलाने की प्रेरणा
इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में उन्होंने बताया कि आखिर उन्हें भारी गाड़ियां चलाने की प्रेरणा कैसे मिली। उन्होंने बताया कि असल में यह उनके पति का सपना था। उन्होंने बताया, “मेरे पति के कहने पर हमने मिलकर एक हाईवे ड्राइविंग स्कूल खोला था। मैंने 1981 में फोर-व्हीलर का लाइसेंस लिया और फिर 1984 में हैवी व्हीकल का लाइसेंस लिया।”
राधामाणी अम्मा(Radhamani Amma) ने उस समय केरल में हैवी व्हीकल का लाइसेंस लेने में आने वाली चुनौतियों के बारे में भी बताया। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने और उनके पति ने राज्य में पहला हैवी व्हीकल ड्राइविंग स्कूल खोला।
2004 में अपने पति के गुजर जाने के बाद राधामाणी अम्मा(Radhamani Amma) के सामने शुरुआत में तो मुश्किलें आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने ड्राइविंग स्कूल की जिम्मेदारी संभाली और एक ड्राइविंग समुदाय की लीडर के रूप में उभरीं। उन्होंने गर्व से कहा, ” बाद में A2Z ड्राइविंग स्कूल को A2Z ड्राइविंग इंस्टीट्यूट बना दिया गया, जहां सभी तरह के भारी वाहनों को चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है।”
उम्र कोई बंधन नहीं
उम्र के इस पड़ाव में भी राधामाणी अम्मा (Radhamani Amma) सीखने की ललक रखती हैं और फिलहाल वह मैकेनिकल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा कर रही हैं। उन्होंने अपने शुरुआती ड्राइविंग सबक को याद करते हुए बताया कि पहले अम्बेसडर गाड़ी चलाना सीखना था और खासकर एक महिला के लिए भारी गाड़ी चलाना सीखना काफी चुनौतीपूर्ण था।
ग्यारह तरह के वाहनों के लाइसेंस प्राप्त करने की अपनी उपलब्धि पर Radhamani Amma ने दूसरों को भी अपने जुनून और विश्वास के साथ अपने लक्ष्य को पाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि बड़े वाहन चलाना (वास्तव में) छोटे वाहनों को चलाने से आसान होता है। उन्होंने लोगों को गाड़ी चलाने के डर या झिझक को दूर करने के लिए प्रेरित किया।
सीखने का जुनून
अपनी पढ़ाई और गाड़ी चलाने के शौक को संतुलित करते हुए, राधामाणी अम्मा ने सीखने के अपने जुनून को व्यक्त किया और उम्र के आधार पर किसी भी चीज को सीखने पर लगी पाबंदियों को चुनौती दी। उन्होंने यह भी बताया कि वह किसी भी नए वाहन को चलाना सीखना चाहती हैं, भले ही ट्रेन चलाना उनके लिए शायद मुमकिन न हो।
उन महिलाओं को जो पुरुष-प्रधान क्षेत्रों जैसे कि गाड़ी चलाने में अपना करियर बनाना चाहती हैं, Radhamani Amma ने सलाह दी कि गाड़ी चलाना किसी एक लिंग के लिए नहीं है। उन्होंने बताया कि अब गाड़ी चलाना एक जरुरत बन गई है और गाड़ी चलाने का हुनर रखने से महिलाओं के लिए कई सारे रास्ते खुल सकते हैं।