डेली संवाद, कपूरथला | Jagatjit Singh आजादी से पहले भारत के राजा-महाराजाओं की अय्याशियाँ और आदतें अक्सर अजीब और हैरान करने वाली होती थीं। वे अपनी अपार धन-दौलत का प्रदर्शन भौंडे तरीकों से करते थे। ऐसे ही एक दिलचस्प और विचित्र आदत वाले महाराजा थे कपूरथला के महाराजा जगतजीत सिंह, जिनके बारे में दीवान जरमनी दास ने अपनी किताब ‘महाराजा’ में विस्तार से लिखा है।
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पायजामे का नाड़ा खोलने के लिए अफसर
महाराजा जगतजीत सिंह (Jagatjit Singh) की एक अजीब आदत थी कि उन्हें अपने पायजामे का नाड़ा बांधने और खोलने के लिए एक विशेष अधिकारी की जरूरत पड़ती थी। यह अधिकारी हमेशा उनके साथ रहता था और उसे इस काम के लिए अच्छी खासी तनख्वाह दी जाती थी। यह सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन महाराजा की यह आदत कई बार उन्हें मुश्किल में डाल देती थी।
ब्रिटिश राजमहल में आमंत्रण

एक बार महाराजा जगतजीत सिंह (Jagatjit Singh) को इंग्लैंड के राजा जार्ज पंचम और रानी मेरी ने बकिंघम पैलेस में एक नृत्य समारोह में बुलाया। महाराजा ने अपनी राजसी पोशाक पहनी – चूड़ीदार पायजामा, अचकन, मोतियों का हार, पगड़ी और हीरे-जवाहरात के आभूषण। वहां इंग्लैंड के राजपरिवार के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण लोग मौजूद थे।
समारोह के दौरान महाराजा ने बेगम आगा खां के साथ नृत्य किया और शैंपेन का आनंद लिया। रात बढ़ती गई और महाराजा ने कई बार नृत्य किया। अचानक उन्हें लघुशंका की जरूरत महसूस हुई। यही पर उनकी मुसीबत शुरू हुई, क्योंकि उनके साथ नाड़ा खोलने वाला अधिकारी मौजूद नहीं था।
मुश्किल में महाराजा Jagatjit Singh

महाराजा ने अपने प्राइवेट सेक्रेट्री सर क्लाइव विग्राम से मदद मांगी। उन्होंने अनुरोध किया कि उनके सहायक इंदर सिंह को बुलाया जाए। सेक्रेट्री ने कहा कि यह संभव नहीं है, लेकिन लार्ड चैंबरलेन ने महाराजा की समस्या को समझते हुए इंदर सिंह को बुलवाया। इंदर सिंह ने आकर महाराजा का नाड़ा खोला और तब जाकर महाराजा को राहत मिली।
इस घटना के बाद महाराजा ने सीखा कि भविष्य में वे ऐसे निमंत्रण स्वीकार नहीं करेंगे, जिनमें उनके अफसरों या सहायकों को साथ ले जाना मना हो।
पगड़ी बांधने का भी कर्मचारी

महाराजा की एक और अजीब आदत यह थी कि उनकी पगड़ी बांधने के लिए भी एक विशेष कर्मचारी नियुक्त था। यह केवल कपूरथला के महाराजा की ही बात नहीं थी, बल्कि पटियाला नरेश भूपेंद्र सिंह और कई अन्य सिख राजाओं का भी यही हाल था।
महाराजा Jagatjit Singh का जीवन
महाराजा जगतजीत सिंह का जन्म 24 नवंबर 1872 को हुआ और उनकी मृत्यु 19 जून 1949 को हुई। वे 1877 से 1949 तक कपूरथला रियासत के शासक रहे। उन्होंने 06 शादियां कीं, जिनमें उनकी दो पत्नियाँ विदेशी थीं। उनका सपना था कि कपूरथला ‘पूरब का पेरिस’ बने। उन्होंने वर्साय के महल की तर्ज पर फ्रांसीसी शैली में जगतजीत पैलेस, उत्तरी अफ्रीकी शैली में मूरिश मस्जिद, कपूरथला युद्ध स्मारक और अन्य स्थल बनवाए।