डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: हिमाचली देवी का आशिक जिंदा है, जिसे मृत बताया गया वह आर्मी से रिटायर्ड अफसर है। इसका खुलासा पंजाब के बरनाला पुलिस ने किया है। जबकि जालंधर पुलिस ने दावा किया था कि जिसका शव मिला, वह हिमाचली देवी का आशिक है।
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इस सबके बीच जालंधर में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पिछले दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जॉइंट पुलिस कमिश्नर संदीप शर्मा ने जिस व्यक्ति को मरा हुआ बताया था, वह जिंदा निकला। गदईपुर इलाके में घर के बेड से मिली लाश आर्मी के रिटायर्ड ऑफिसर बरनाला के रहने वाले योगराज खत्री (50) की निकली।
लिव इन पार्टनर विनोद उर्फ नकुल
जनकारी के मुताबिक पकड़ी गई आरोपी महिला हिमाचली देवी के आशिक की बजाए उसके भाई की मौत हुई है। हालांकि, हिमाचली देवी ने पहले पुलिस को बताया था कि मरने वाला व्यक्ति उसका लिव इन पार्टनर विनोद उर्फ नकुल है। वह उसे पत्नी कहता था, इसलिए उसने शराब में जहर देकर उसकी हत्या कर दी।
आरोपी हिमाचली देवी के मुताबिक उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर उसका शव ठिकाने लगा दिया। बरनाला पुलिस जांच करते हुए लाश मिलने वाले घर तक पहुंची तो पूरे केस का खुलासा हुआ।
बेड के बॉक्स से व्यक्ति की लाश मिली
आपको बता दें कि 3 मई को गदाईपुर इलाके में रहने वाले लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी कि इलाके में लाश सड़ने की गंदी बदबू आ रही है। पुलिस मौके पर पहुंची तो एक घर में बेड के बॉक्स से व्यक्ति की लाश मिली। उस दौरान मृतक की पहचान विनोद कुमार उर्फ नकुल कुमार के रूप में हुई। पुलिस ने मौके से साथ रहने वाली महिला हिमाचली देवी को हिरासत में ले लिया था।
इसके बाद जॉइंट कमिश्नर संदीप शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हिमाचली देवी ने विनोद को शराब में जहर मिलाकर दिया था। इसके बाद विनोद की मौत हो गई। उसने जानकार सनोज को घटना की जानकारी दी। इसके बाद सनोज जिस घर में किराए पर रहता था, उसी घर के बेड में उन्होंने विनोद की लाश छिपा दी।
हिमाचली देवी पत्नी है
जॉइंट कमिश्नर संदीप शर्मा के अनुसार, महिला ने माना कि वह विनोद के साथ लिव-इन में थी, मगर शादी नहीं हुई थी। लेकिन अब वह उसके साथ नहीं रहना चाहती थी। विनोद सभी को यह बताता था कि हिमाचली देवी मेरी पत्नी है। इसी से गुस्से होकर उसने हत्या कर दी।
उधर, 2 मई को पूर्व आर्मी ऑफिसर योगराज खत्री का परिवार बरनाला पुलिस के पास गुमशुदगी की शिकायत लेकर पहुंचा। परिवार ने पुलिस को बताया कि योगराज बीते दिन किसी काम से बाहर निकला था। 2 से 3 मई तक उन्होंने अपने घर पर 2 बार फोन किया। मगर, 3 मई की रात के बाद खत्री का फोन बंद हो गया था।
योगराज की मोबाइल लोकेशन पता करवाई
पहले परिवार को लगा कि उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया है। जब योगराज का फोन नहीं आया तो उन्होंने उसे तलाशना शुरू कर दिया, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। बरनाला पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने सबसे पहले योगराज की मोबाइल लोकेशन पता करवाई।
इस बीच पुलिस को पता चला कि योगराज की आखिरी लोकेशन जालंधर के गदईपुर में स्थित एक घर की है। जिसके बाद परिवार बरनाला पुलिस के साथ जांच के लिए गदईपुर पहुंच गया। यहां लोगों ने बताया कि हिमाचली देवी के साथ लोगों ने योगराज को देखा था।
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इसके बाद बरनाला पुलिस ने लोकल पुलिस ने संपर्क किया। जांच में पता चला कि पुलिस को पहले दिए गए बयानों में हिमाचली देवी ने झूठ बोला था। योगराज के परिवार को शव दिखाया गया तो उन्होंने उसकी शिनाख्त करते हुए कहा कि यह विनोद का नहीं योगराज का ही शव है।