डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित और सीएम भगवंत मान के बीच विवाद खत्म नहीं हुआ। राज्यपाल ने आज फिर मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखा है। उन्होंने मुख्यमंत्री मान को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर इस पत्र समेत अन्य पत्रों का जवाब तुरंत नहीं दिया गया तो वह राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर देंगे।
ये भी पढ़ें: ठगी मारने वाले Midwest Immigration को डीसी दफ्तर ने जारी कर दिया लाइसेंस
राज्यपाल ने यह भी चेतावनी दी कि संवैधानिक तंत्र की विफलता की रिपोर्ट उन्हें भी भेजी जाएगी और कानूनी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। पुरोहित ने अपने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री के इस आचरण पर उनके पास कानून और संविधान अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचता।
ये भी पढ़ें: नेहा टोका फैक्ट्री का मालिक गौ मांस के कारोबारियों से हर माह लेता था 1.80 लाख रुपए
दरअसल, बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि राज्यपाल द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध न कराना स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री भगवंत मान पर लगाए गए संवैधानिक कर्तव्य की अवहेलना है। ऐसा न करने पर मेरे पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। इससे पहले राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने जून में हुए विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान पर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया था।
ये भी पढ़ें: 14,000 करोड़ की बोगस बिलिंग, STF को जालंधर के ‘पंकू’ और ‘बंटी’ की तलाश
राज्यपाल पुरोहित ने कहा था कि राज्यपाल द्वारा मांगी गई कोई भी प्रशासनिक जानकारी देने के लिए मुख्यमंत्री बाध्य हैं। उन्होंने कहा कि मार्च में भी सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस संवैधानिक प्रावधान का सम्मान करने की सलाह दी थी। जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को 10-15 पत्र लिखे लेकिन उनमें से कई का जवाब नहीं मिला या अधूरा जवाब मिला।
"…Not furnishing the information which was sought by the Governor would be plainly in dereliction of the constitutional duty which is imposed on the CM….failing which I would have no choice but to take action according to law & the Constitution…" Governor of Punjab,… pic.twitter.com/9vEzKdOLp1
— ANI (@ANI) August 25, 2023
उन्होंने कहा कि जब मैं कोई जानकारी मांगता हूं तो सीएम मान नाराज हो जाते हैं। पुरोहित ने सीएम मान के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वह सिर्फ तीन करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेह हैं, राजभवन के प्रति नहीं। लेकिन उन्हें राज्य को संविधान के अनुसार चलाना है, अपनी इच्छा के अनुसार नहीं।