डेली संवाद, चंडीगढ़। Holashtak 2023: फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक (Holashatk) शुरू हो जाते हैं और फाल्गुन पूर्णिमा तिथि यानी होलिका दहन तक होलाष्टक खत्म हो जाते हैं। होली से आठ दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाते हैं।
इस बार 28 फरवरी से होलाष्टक शुरू हो रहे हैं और 7 मार्च को होलिका दहन के साथ खत्म हो जाएंगे।होलाष्टक में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, शादी-विवाह आदि करना वर्जित बताया गया है। होलाष्टक के समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है।
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इसी प्रभाव को खत्म करने के लिए होलिका दहन किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में होलाष्टक का महत्व बताते हुए कुछ उपाय भी बताए हैं। होलाष्टक में इन उपायों के करने से रोग, दोष, आर्थिक हानि, मानसिक तनाव आदि समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं। आइए जानते हैं होलाष्टक में किए जाने वाले इन उपायों के बारे में…
इस उपाय से करियर में तरक्की के बनते हैं योग
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि होलाष्टक के आठ दिनों में सौभाग्य प्राप्ति के लिए चावल, केसर, घी से हवन करें और नवग्रह की शांति के लिए भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें और फिर महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। ऐसा करने से सौभाग्य में वृद्धि के साथ-साथ करियर में तरक्की के योग बनते हैं और सेहत भी अच्छी रहती है।
इस उपाय से नकारात्मक दोष होता है दूर
नौकरी और रोजगार संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए होलाष्टक में काले तिल, लोहे, काली उड़द दाल को काले कपड़े में बांधकर 5 मार्च दिन शनिवार को किसी व्यक्ति को दान में दे दें या शनि मंदिर में अर्पित कर दें। वहीं होलाष्टक की हर शाम को एक मिट्टी के दीपक में कपूर जलाएं और पूरे घर में दिखाएं। ऐसा करने से परिवार में मौजूद नकारात्मक दोष दूर होता है और पारिवारिक सदस्यों में आपसी प्रेम बना रहता है।
इस उपाय से लक्ष्मी प्राप्ति के बनते हैं योग
आर्थिक समस्याओं से मुक्ति के लिए होलाष्टक के दिनों में पीली सरसों, हल्दी गांठ, गुड़ व कनेर के फूल से हवन करें। इसके बाद श्रीसूक्त या मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का पाठ करें। ऐसा करने से धन संपदा के योग बनते हैं और लक्ष्मी प्राप्ति होती है।
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इस उपाय से जीवन के कष्ट होते हैं दूर
होलाष्टक के दिनों में नृसिंह भगवान की पूजा करना बहुत उत्तम माना गया है। होलाष्टक में हर रोज विधि विधान के साथ नृसिंह भगवान की पूजा करने से जीवन की समस्याएं दूर होती है और भगवान कृष्ण को रंग गुलाल चढ़ाने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
इस उपाय से मां लक्ष्मी की घर में होता है प्रवेश
लक्ष्मी प्राप्ति और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति और परिवार में सुख-शांति के लिए होलाष्टक के आठ दिन घर के मेन गेट के दोनों तरफ और मेन चौखट पर हल्दी और सिंदूर से स्वास्तिक बनाएं और सुबह-शाम दीपक जलाएं। ऐसा करने से होलाष्टक का नकारात्मक प्रभाव दूर रहता है और घर में मां लक्ष्मी का प्रवेश होता है।
इस उपाय से सुख-सौभाग्य में होती है वृद्धि
जीवन की परेशानियों से मुक्ति के लिए होलाष्टक में हर रोज 108 बेलपत्र पर सफेद चंदन से ‘ॐ’ या ‘ॐ नमः शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। साथ ही शाम के समय लाल कपड़े में नारियल बांधकर पास के किसी मंदिर की सीढ़ियों पर रख दें। ऐसा करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होगी और पारिवारिक कष्टों से भी मुक्ति मिलेगी।
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