डेली संवाद, चंडीगढ़। PAN Adhaar Card: पैन (PAN) और आधार कार्ड (AADHAAR CARD) हर व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी दस्तावेज है। बैंक अकाउंट ओपन करने से लेकर किसी बड़े बिजनेस को खड़ा करने तक, हर काम के लिए ये दस्तावेज की जरूरत आपको पड़ती है।
लेकिन आपने भी कभी न कभी ये जरूर सोचा होगा कि आखिर इंसान की मृत्यु के बाद इन डाक्यूमेंट्स की क्या अहमियत रह जाती है। अगर आप मृत व्यक्ति के आधार कार्ड और पैन कार्ड से जुड़ी हुई फॉर्मेलिटी को पूरा नहीं करती हैं तो इससे आपको बाद में परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
ये भी पढ़ें: जालंधर में जिमखाना क्लब की मैनेजमेंट पर केस दर्ज
मृत्यु के बाद आधार कार्ड का क्या होता है
कई देशों में यह नियम है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसके सरकारी और अधिकारिक डाक्यूमेंट्स को डीएक्टिवेट कर दिया जाता है, ताकि कोई इसका गलत फायदा ना उठा सके। लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। यहां आधार कार्ड को डीएक्टिवेट करने का कोई तरीका नहीं है।
हालांकि, यह जरूर है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो उसके परिवार वालों को चाहिए कि वह आधार कार्ड सेंटर पर जाकर मृत व्यक्ति के आधार कार्ड से उसका डेथ सर्टिफिकेट लिंक करा दें। ऐसा कर आने के बाद कोई चाहकर भी इस आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।
- यह भी पढ़े: Twitter Blue In India: भारत में Twitter Blue की सर्विस शुरू, जानिए कितने रुपए में आपका हैंडल हो सकता है ब्ल्यू
- यह भी पढ़े: Crime News: जालंधर में बुजुर्ग के साथ कुकर्म, नशीली गोलियां खिला कर 4 युवकों ने बारी-बारी से किया गंदा काम
- यह भी पढ़े: Punjab Press Club – जालंधर के वरिष्ठ पत्रकार और पंजाब प्रेस क्लब के पदाधिकारी पर कातिलाना हमला .. .
- यह भी पढ़े: होटल में पुलिस ने मारा छापा, छत से भागने की कोशिश कर रहे युवक और युवतियों.. .
पैन कार्ड का क्या होता है
पैन कार्ड आयकर विभाग का ऐसा दस्तावेज है जिसकी जरूरत तरह तरह के वित्तीय कामकाज के लिए पड़ती है। पैन नंबर आपके डीमैट खाते, बैंक खाते और आधार से लिंक होता है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद जरूरी है कि उसके परिवार के सदस्य उसके पैन कार्ड को डिएक्टिवेट करवा दें।