डेली संवाद, जालंधर
पंजाब खेल विभाग द्वारा निर्देश/नियमों की धज्जियां उड़ाकर तथा सरकार को आर्थिक नुकसान पहुँचाने के लिए निदेशक (पाठ्यचर्या एवं प्रशिक्षण) के पद की आलोचना की गयी है।
सेवानिवृत्त पीसीएस अधिकारी तथा लगभग तीन दशकों से देश के प्रतिष्ठित संगठन सुरजीत हॉकी सोसाइटी के रहे पूर्व सचिव इकबाल सिंह संधू ने मुख्यमंत्री, पंजाब, खेल मंत्री, पंजाब, मुख्य सचिव, पंजाब, प्रमुख सचिव, (खेल), पंजाब और निदेशक, खेल विभाग, पंजाब को एक लिखित तथ्य आधारित शिकायत भेजी गई है।
जिसमें मांग की गई है कि खेल विभाग, पंजाब, निदेशक (पाठ्यचर्या और प्रशिक्षण) के पद को भरने के लिए निर्देश/नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए, सरकार का वित्ती नुकसान करके एक खास व्यक्ति को इस पद पे बिराजमान करने के लिएं जारी विज्ञापनों पर तत्काल रोक लगाने के बाद, वर्ष 2020 में इसी पद के विज्ञापन की शर्तों के अनुसार विज्ञापन पुनः जारी करने की मांग के साथ-साथ रु. सरकार को 75000 प्रति माह नुकसान पहुंचाने की इंक्वायरी भी करने की मांग की है।
सेवानिवृति के बाद हॉकी के लिए पूरी तरह से समर्पित होने वाले संधू ने सरकार का ध्यान खेल विभाग, पंजाब द्वारा समाचार पत्रों में प्रकाशित एक विज्ञापन के साथ अनुबंध के आधार पर निदेशक (पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण) की नियुक्ति के लिए विज्ञापन की ओर आकर्षित किया है।
उन्होंने आगे कहा कि खेल विभाग, पंजाब चोर मोरी/बैक एंट्री के माध्यम से पद पर एक “विशेष व्यक्ति” को नियुक्त करना चाहता है और सबूत के तौर पर सरकार के निर्देशों के अनुसार भर्ती के लिए आयु सीमा अधिकतम 65 हो सकती है पर इस पद के लिए विज्ञापन में आयु सीमा की आवश्यकता को हटा दिया गया था, क्योंकि चहेता व्यक्तिगत पहले ही 65 वर्ष की आयु सीमा तक पहुंच चुका है। यह इतिहास में अब तक बिना किसी आयु सीमा के किसी पद के लिए पहला विज्ञापन है।
संधू ने आगे कहा कि पिछले साल वर्ष 2020 में, खेल विभाग, पंजाब द्वारा समाचार पत्रों में इसी ही निदेशक (पाठ्यचर्या और प्रशिक्षण) की नियुक्ति के लिए एक विज्ञापन प्रकाशित किया गया था इस में आयु सीमा 60 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए लेकिन पात्र उम्मीदवारों मामले में 5 वर्ष तक की छूट दी जा सकती है । इस शर्त को हटाने से यह स्पष्ट हो जाता है कि एक “विशेष व्यक्ति” के लिए निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
श्री संधू ने आगे कहा कि पंजाब सरकार (कार्मिक विभाग) द्वारा दिनांक 9-11-2021 को जारी ताजा निर्देश के अनुसार सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों की पुनर्नियुक्ति पर रोक लगाते हुए सभी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इस “व्यक्तिगत” को वित्तीय लाभ प्रदान करने के लिए “व्यक्तिगत” के पुन: रोजगार, अन्य शर्तों को बदल दिया गया है।
उनके अनुसार, खेल विभाग, पंजाब द्वारा वर्ष 2020 में उसी निदेशक (पाठ्यचर्या एवं प्रशिक्षण) की नियुक्ति के लिए समाचार पत्रों में एक विज्ञापन प्रकाशित किया गया था, जिसमें वेतन 1.25 लाख रखा गया था और नए विज्ञापन मैं वेतन 2.00 लाख रुपए प्रति माह करके सरकार को 75000 रुपये प्रति माह वित्ती नुकसान भी पहुंचाया गया । मुझे नहीं पता कि यह नियुक्ति पिछले साल क्यों नहीं की गई।
संधू ने आगे कहा कि नए विज्ञापन में वर्ष 2020 के अनुभव के लिए शर्तें थीं, उन्हें भी तोड़ दिया गया और नई शर्तें इस तरह से बनाई गईं कि एक “विशेष व्यक्ति” को उसकी उपलब्धियों के अनुसार नियुक्ति के लिए फिट किया जा सके। नए विज्ञापन से स्पष्ट है कि “दारोनाचार्य पुरस्कार विजेता” होने की सबसे महत्वपूर्ण शर्तों में से एक को समाप्त ही कर दिया गया है जो कि प्रसिद्ध कोचों को उनकी उत्कृष्ट कोचिंग उपलब्धियों के लिए भारत सरकार द्वारा यह सम्मान दिया जाता है। इस शर्त को हटा दिया गया है क्योंकि व्यक्ति विशेष इस शर्त को पूरा नहीं करता है। इसके अलावा, “OR” शब्द को हटा दिया गया है ताकि बिना प्रतियोगिता के चहेते का चयन किया जा सके।
संधू ने यह भी कहा कि यदि सरकार मौजूदा विज्ञापन पर तत्काल प्रतिबंध लगाने के बाद वर्ष 2020 में उसी पद के लिए जारी विज्ञापन के नियम और शर्तों के अनुसार विज्ञापन को तुरंत फिर से जारी नहीं करती है, तो वह इस मामले को माननीय उच्च न्यायालय में pi. आई. एल. मार्फत फाइल करने से नहीं हिचकिचाएंगे।