दोषियों को कानूनी कटघरे में खड़ा न किया तो कानून-व्यवस्था पर प्रभाव पडेगा
डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बरगाड़ी बेअदबी केस में सी.बी.आई. की क्लोजऱ रिपोर्ट को जल्दबाज़ी में की कार्यवाही बताते हुए रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे सिख भाईचारे के मनों को गहरी ठेस पहुँची है जिस कारण इस रिपोर्ट को तुरंत वापस लेना चाहिए जिससे इस मामले की विस्तृत जांच यकीनी बनाई जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने न सिर्फ जांच के विभिन्न अहम पहलूओं को अनदेखा किया बल्कि दोषियों की शिनाख़्त करके उनको कानून के कटघरे में भी खड़ा नहीं किया जिसकी देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी से आशा थी।
देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी द्वारा जांच को आगे चलाने के लिए इस केस को फिर खोलने की माँग करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि रिपोर्ट बंद करने के बेहतर कारण तो एजेंसी के साथ जुड़े लोग ही जानते हैं।
उन्होंने कहा कि सी.बी.आई. ने असाधारण तौर पर जल्दबाज़ी में इस केस को अचानक बंद कर दिया जिस कारण इस मामले से उसके द्वारा निपटने संबंधी कई सवाल पैदा होते हैं। मुख्यमंत्री ने केस बंद करने के फ़ैसले पर फिर गौर करने की माँग करते हुए कहा कि वित्तीय लेन-देन और विदेश आधारित तत्वों के साथ संबंधों समेत केस के बहुत से पहलूओं को सी.बी.आई. जांच में आसानी से नजऱअन्दाज कर दिया गया।
2015 में सी.बी.आई. को बेअदबी के तीन मामलों की जांच सौंपी थी
उन्होंने कहा कि सी.बी.आई. ने कई मुख्य गवाहों/शक्कियों की शिनाख़्त और पड़ताल नहीं की जबकि ऐसे लोगों की पूछताछ के द्वारा सी.बी.आई. द्वारा अपनी क्लोजऱ रिपोर्ट में रद्द किये गए मामलों संबंधी कुछ सामने आ सकता था।
पिछली पंजाब सरकार ने नवंबर, 2015 में सी.बी.आई. को बेअदबी के तीन मामलों की जांच सौंपी थी।
इनमें 1 जून, 2015 को बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बीड़ की चोरी, 25 सितम्बर, 2015 को बरगाड़ी और बुर्ज जवाहर सिंह वाला में बेअदबी के हस्त लिखित पोस्टर लगाने और 12 अक्तूबर, 2015 को बरगाड़ी में पवित्र ग्रंथ के अंगों की बेअदबी से जुड़े हुए मामले शामिल थे।
पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम के परिणामों को भी रद्द कर दिया था
यह बताने योग्य है कि सी.बी.आई. ने बीती 4 जुलाई को बरगाड़ी बेअदबी मामले में दोषी को क्लीन चिट देते हुए अपनी क्लोजऱ रिपोर्ट दायर कर दी। एजेंसी ने इस केस में पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम के परिणामों को भी रद्द कर दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेअदबी की घटना घटने के समय सी.बी.आई. का कंट्रोल भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के हाथ में था जिसमें शिरोमणि अकाली दल भी हिस्सेदार था। उन्होंने कहा कि जस्टिस (रिटा.) रणजीत सिंह द्वारा बरगाड़ी केस में शक की सुई शिरोमणि अकाली दल की तरफ घुमाई गई थी और इस संदर्भ में सी.बी.आई. द्वारा क्लोजऱ रिपोर्ट दायर करने का फ़ैसला बहुत सवाल खड़े करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सी.बी.आई. द्वारा क्लोजऱ रिपोर्ट दायर करने के अचानक लिए फ़ैसले से न सिफऱ् भारत में बल्कि विदेशों में बसते सिखों को पीड़ा हुई है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी बहुत ही गंभीर और संवेदनशील मामला है जिसको इस घृणित काम में शामिल दोषियों के विरुद्ध बिना कोई कार्यवाही किए इस ढंग से रद्द नहीं किया जा सकता। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे कदम से राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है जिससे देश के लिए भी गंभीर नतीजे सामने आ सकते हैं।
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