डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने निजी बिजली कंपनियों से राजनीतिक चंदे के मुद्दे AAP और शिअद पर निशाना साधते हुए कहा कि निजी कंपनियों से कोई फंड नहीं लिया गया है। आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के नेता झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सब विपक्ष का चुनावी हथकंडा है।
मुख्यमंत्री ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और आम आदमी दोनों की आलोचना करते हुए कहा कि कुछ बिजली कंपनियों द्वारा राजनीतिक चंदा पंजाब कांग्रेस को नहीं बल्कि एआईसीसी को 2009 और 2014 में दिया गया था, जिसका राज्य की मौजूदा सरकार से कोई संबंध नहीं था। आम आदमी पार्टी झूठ बोलकर पंजाब के लोगों को गुमराह करना चाहती है।
शिअद-भाजपा सरकार द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि विचाराधीन पीपीए पर तत्कालीन शिअद-भाजपा सरकार द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे, और कानूनी रूप से बाध्यकारी थे हमारी सरकार नकदी की कमी वाले राज्य पर भारी दंड के बिना इसे रद्द न कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के खजाने पर और बोझ डाले बिना पीपीए के दुष्प्रभावों को बेअसर करने के लिए कानूनी सहारा तलाश रही थी, जिसे अकालियों ने अपने भाजपा सहयोगियों के साथ मिलकर अपनी जेब भरने के लिए इस्तेमाल किया था।
उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बादल के नेतृत्व में अकालियों ने राजनीतिक फंड में 100 करोड़ रुपये से अधिक लिया था और शेष 13 करोड़ रुपये अपनी निजी जेब में डालने की घोषणा की थी। जहां तक आप का सवाल है, 2014 के चुनावों के दौरान अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप द्वारा लिया गया चंदा पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में था, क्योंकि निजी बिजली कंपनियों द्वारा एआईसीसी को दान किए गए धन के विपरीत, इनका न तो हिसाब लगाया गया और न ही घोषित किया गया।
मुख्यमंत्री ने दोनों पार्टियों को पिछले 10 साल के अपने सभी राजनीतिक चंदे की घोषणा करने की चुनौती दी ताकि पंजाब के लोगों को उनके दावों और प्रतिदावों के पीछे की सच्चाई का पता चल सके। उन्होंने कहा, “सच्चाई को सामने आने दें, और लोगों को यह तय करने दें कि झूठे आरोपों के साथ उन्हें कौन धोखा दे रहा है।
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