रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में अगवा किए गए जवान राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने छोड़ दिया है। पति की रिहाई पर जवान की पत्नी ने सरकार को धन्यवाद कहा है। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राकेश्वर सिंह जंगल के रास्ते वापस लौटे हैं। उनके वापस आने पर उन्हें बीजापुर सीआरपीएफ कैंप ले जाया गया। जानकारी के मुताबिक एक पत्रकार के जरिए नक्सिलयों ने दावा किया था कि राकेश्वर सिंह उनके पास बंधक हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर तीन अप्रैल को नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस घातक हमले में सुरक्षा बलों के 22 जवान शहीद हो गए थे। मुठभेड़ के बाद से कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास लापता थे। बाद में पता चला कि नक्सलियों ने उन्हें अगवा कर लिया था।
जवान के परिवार ने पीएम मोदी से लगाई थी रिहाई की गुहार
बेटे की रिहाई पर राकेश्वर सिंह मन्हास की मां कुंती देवी ने कहा कि हम बहुत ज्यादा खुश हैं। जो हमारे बेटे को छोड़ रहे हैं उनका भी धन्यवाद करती हूं। भगवान का भी धन्यवाद करती हूं। जब सरकार की बात हो रही थी तो मुझे थोड़ा भरोसा तो था परन्तु विश्वास नहीं हो रहा था। अगवा होने की खबर सामने आने के बाद से ही जम्मू स्थित उनके परिवार के सदस्य लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी रिहाई को लेकर गुहार लगा रहे थे।
बुधवार को ही राकेश्वर सिंह को नक्सलियों के कब्जे से छुड़ाने के लिए खौड़ के गांव पगांली, भोरपुर, दानपुर, मट्टू, चक मलाल सहित अन्य कई गांवों के लोगों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान गांव मट्टू पुली के पास अखनूर-पलांवाला मुख्य मार्ग को बंद रखा गया था।
एक पत्रकार के जरिए नक्सलियों ने किया था दावा
इससे पहले गत सोमवार को सुकमा के एक पत्रकार ने राकेश्वर सिंह के नक्सलियों के कब्जे में होने का दावा किया था। नक्सली संगठन पीएलजीए ने सुरक्षा बलों से मुठभेड़ के दौरान 14 हथियार, 2,000 से ज्यादा कारतूस और बहुत सारा अन्य साजोसामान हाथ लगने का भी दावा किया था साथ ही उन हथियारों व कारतूसों के फोटो भी जारी किए थे।