नई दिल्ली। भरतीय व्यंजनों में की तरह के मसालों का इस्तेमाल किया जाता है. जिसमें से एक है जीरा. जीरा एक ऐसा मसाला है जिसका इस्तेमाल सभी सब्जियों में किया जाता है. और यह खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. सुबह खाली पेट जीरा का पानी पीने से वजन भी कम होता है. साथ ही आलू की सब्जी में जीरा का तड़का लगाने से इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।
अब अधिकतर खाने की चीजों में काफी मिलावट की जाती है जिसमें जीरा भी एक है. जीरे में भी आजकल काफी मिलावट की जाती है जिससे असली और नकली जीरे को पहचानना काफी मुश्किल हो गया है. लेकिन अब आपको हम बताने जा रहे हैं कि आप असली और नकली जीरा में कैसे अंतर कर सकते हैं।
कैसे बनाया जाता है नकली जीरा
- नदियों के किनारे उगने वाली जंगली घासों से फूल झाडू बनाए जाते है और खबरों की मानें तो इन्हीं घासों का उपयोग करके काले जीरे भी बनाए जा रहे है. दरअसल, फूल झाडू के ये घास देखने में बिल्कुल जीरे के तरह ही होते है।
- इसे बनाने के लिए नदियों के किनारे उगने वाली जंगली घास की पत्तियों को गुड़ के पानी में मिलाया जाता है।
- इसे सुखाते ही यह जीरे की तरह दिखने लगता है।
- इसकेबाग इसे पत्थक से बने पाउडर में डाला जाता है।
- इसके बाद इसे छलनी से छाना जाता है।
कैसे करें असली और नकली जीरे में पहचान
कई रिपोर्ट्स में इस बात का खुलासा हुआ है कि मार्केट में फूल झाड़ू की घास के बना जीरा बेचा जाता है. यह बिल्कुल असली जीरा की तरह दिखता है. ऐसे में जरूरी है कि आप जीरा खरीदते समय इसका खास ध्यान रखें कि जीरा असली है या नकली। इसकी पहचान करने के लिए आप सबसे पहले एक कटोरी में पानी लें और इसमें जीरा डालें. पानी में डालते ही अगर जीरा रंग छोड़ने लगे और टूटना शुरू हो जाए तो समझ लीजिए जीरा नकली है।
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