अखिल भारतीय न्यूरो थैरेपिस्ट ऑर्गेनाइजेशन के अधिवेशन का दूसरा दिन। ऑर्गेनाइजेशंस के संस्थापक महासचिव राम गोपाल परिहार ने बताया कि बड़े स्तर पर केस स्टडी के आधार पर रिसर्च पेपर तैयार किए जा रहे हैं।
अशोक सिंह भारत
डेली संवाद, देहरादून
लाजपत राय मेहरा न्यूरोथैरेपी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के तत्वाधान में हरिद्वार के जम्मू भवन में अखिल भारतीय न्यूरो थैरेपिस्ट ऑर्गेनाइजेशन के अधिवेशन के दूसरे दिन इस विधा को स्वरोजगार पूरक और इस थैरेपी को प्रभावी कैसे बनाया जाए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा हुई। इस मौके पर ऑर्गेनाइजेशंस के संस्थापक महासचिव राम गोपाल परिहार ने बताया कि बड़े स्तर पर केस स्टडी के आधार पर रिसर्च पेपर तैयार किए जा रहे हैं। इनको रजिस्टर्ड मेडिकल जनरल में प्रकाशित भी करवाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इससे इस विधा को वैज्ञानिक आधार पर आधार प्रदान कर सबल बनाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि ऐसा ही मेडिकल रिसर्च पेपर इंपैक्ट ऑफ़ न्यूरो थेरेपी ट्रीटमेंट ऑन नी पेन आई एम सी आर नमक मेडिकल जनरल में प्रकाशित हुआ है। मौजूदा परिदृश्य में न्यूरो थेरेपी ट्रीटमेंट की देश ही नहीं विदेशों में भी संभावनाएं विकसित हो चुकी हैं। इस विधा के लोग विदेशों में भी विदेशों में भी इसका अच्छी तरह से संचालन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नौकरी की तरफ भाग रहे युवाओं को चाहिए कि वे लोग इसे स्वरोजगार के रूप में अपनाएं और बेरोजगारी को दूर भगाएं। इस विधा से प्रतिमाह 20 से 40 हजार रूपए कमा सकते हैं। फांउडेशन आफ़ न्यूरो थैरेपी और अखिल भारती न्यूरो थेरेपी ऑर्गेनाइजेशन के संयुक्त प्रयास से एक योजना पंजाब के मोहाली सेंटर में चलाई जाएंगी, जिसमें आर्थिक रूप से पिछड़े या कमजोर लोगों को इसका प्रशिक्षण मुफ्त में दिया जाएगा।
डेली संवाद और बीएनएन मीडिया हाउस है मीडिया पार्टनर
राम गोपाल परिहार ने मीडिया पार्टनर डेली संवाद (www.dailysamvad.com) और बीएनएन मीडया हाउस के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि डेली संवाद और बीएनएन मीडिया हाउस ने उनके एसोसिएशन के मीडिया पार्टनर है, जिससे उनके एसोसिएशन के कार्यों को हम भारत के साथ साथ देश दुनिया में प्रसारित और प्रचारित कर पा रहे हैं।
शिक्षण पाठ्यक्रमों और व्यवस्था में सुथार
उन्होंने कहा कि इस विधा को आधुनिक स्वरूप प्रदान करने के लिए भी नित्य अनुसंधान कार्य चल रहे हैं। इसके अलावा शिक्षण पाठ्यक्रमों और व्यवस्था में सुथार की दिशा में भी विस्तृत रूप से एक रूपरेखा तैयार की गई है। जिसका वर्णन आज के सत्र में आए हुए प्रतिनिधियों के साथ साझा किया गया। इसके तहत फीस स्ट्रक्चर में साठ हज़ारों वार्षिक शुल्क के बजाय चालीस हजार तथा मौजूदा डिजिटल क्रांति के युग को ध्यान में रखते हुए अब ऑनलाइन और आफ़ लाइन शिक्षण की सुविधा के साथ साथ रेगुलर तथा डिस्टेंस एजुकेशन की सुविधा का फार्मेट मुकम्मल कर लिया गया है। जिन लोगों ने किन्ही सर्टिफाइड शिक्षण केंद्रों से ट्रेनिंग की हुई है ऐसे लोगों को 5000 रूपए परीक्षा शुल्क देकर अपनी शिक्षा योग्यता को मापने का अवसर दिया जायेगा।
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