नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) 40वें दिन भी जारी है और किसान लगातार कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं। इस बीच किसान संगठनों और सरकार के बीच सोमवार (आज) दोपहर 2 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में सातवें दौर की बातचीत होगी।
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को विरोध कर रहे किसानों की आज सरकार के साथ सांतवें दौर की वार्ता होनी है। इससे पहले 30 दिसंबर को हुई बातचीत में सरकार की किसानों के साथ दो मांगों पर सहमित बन गई है जिसमें पहला है कि पराली जलाना जुर्म नहीं होगा और दूसरा- बिजली संशोधन विधेयक 2020। ऐसा समझा जा रहा है कि लंबे समय से बातचीत के जरिए हल निकालने की कड़ी में ये बातचीत अहम साबित हो सकती है। किसानों की दो मुख्य मांगें- तीन नए कृषि कानूनों को खत्म करना और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी बनाने की मांग जैसे की तैसी बनी हुई हैं।
सोमवार को होने वाली वार्ता मौटे तौर पर किसानों की इसी मांग पर टिकी होगी कि सरकार अपने तीनों कृषि कानून निरस्त कर दे। किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वो 26 जनवरी को मनाने के लिए हजारों किसान अपने ट्रैक्ट्ररों के सैथ परेड के लिए राजधानी में आगे बढ़ेंगे।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश सरकार का नेतृत्व करेंगे, जबकि किसान यूनियन के 40 नेता वार्ता में किसानों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इससे पहले 30 दिसंबर को किसानों और केंद्र के बीच छठे दौर की वार्ता हुई थी जहां कुछ चीजों लेकर उनकी रजामंदी हुई थी।
छठे दौर की बातचीत में इन 2 मुद्दों पर बनी थी बात
कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान और केंद्र सरकार के बीच 30 दिसंबर को छठे दौर की बाचतीच हुई थी। लगभग पांच घंटे चली बैठक में बिजली दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर दंड को लेकर किसानों की चिंताओं को हल करने के लिए कुछ सहमति बनी, लेकिन दो बड़े मुद्दों पर गतिरोध बना रहा। किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए।