डेली संवाद, जालंधर
पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच के प्रदेश अध्य्क्ष किशनलाल शर्मा ने कहा जो राजनीति पार्टियां नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद विरोध कर रही है, उनसे उनकी राष्ट्र विरोधी नीति साफ जाहिर होती है। उन्होंने कहा की कांग्रेस सरकार ने आज़ादी के बाद से सिर्फ राजनीति रोटियां ही सेकने का काम किया है।
कांग्रेस ने हमेशा ही शरणार्थियों का इस्तेमाल किया और अब वह इस विधेयक को लेकर झूठ बोलकर पूर्वोत्तर में आग लगा रही है। वहां भ्रम फैलाया जा रहा है कि बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लोग आ जाएंगे। जबकि ये कानून पहले से ही भारत आ चुके शरणार्थियों की नागरिकता के लिए है। 31 दिसंबर 2014 तक जो भारत आए उन शरणार्थियों के लिए ही ये व्यवस्था है।
पूर्वोत्तर के करीब-करीब सभी राज्य इस कानून के दायरे से बाहर हैं
इतना ही नहीं पूर्वोत्तर के करीब-करीब सभी राज्य इस कानून के दायरे से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पास होने से करोड़ों हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी,और ईसाई शरणार्थियों को यातनापूर्ण नरकीय जीवन से मुक्ति मिलेगी। किशनलाल शर्मा ने कहा कि इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान से धार्मिक प्रताडऩा के कारण भारत आए शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा राष्ट्रहितैषी कार्यो को प्राथमिकताओं के आधार पर पूरा केने में जुटी है, जबकि विपक्षी दल केवल और केवल अपनी राजनीतिक साख बचाने के लिए अनाप शनाप बयानबाजी करने पर उतारू है। काग्रेस भी वर्तमान में सुदृढ नेता विहीन हो कर रह गई है। कुछ प्रदेशो में सत्ता प्राप्ति के लिए कांग्रेस से जुड़ी क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियां भी अपनी अलग ही नीतियां अपना कर राष्ट्रद्रोही का लांछन लगवाने से बचने के प्रयास में किसी भी नीतिगत विधेयक में कांग्रेस का साथ भी नही दे पा रही है।
उन्होंने कहा कांग्रेस और उसके साथियों की डिक्शनरी में कभी जनहित नहीं रहा। उन्होंने हमेशा स्वहित के लिए, परिवार हित के लिए काम किया। यही कारण है कि काले सोने पर बैठा ये धनबाद और ये पूरा इलाका संपदा से जितना समृद्ध है, उतनी ही अधिक गरीबी यहां बनी रही।