ओटावा (कनाडा)। Canada News: Canada India Row – कनाडा (Canada) और भारत (India) के बीच बढ़ते तनाव के साथ ही भारतीय अंबेसडर (Indian Ambassador) ने चेताया है कि कनाडा (Sikh in Canada) में सिख अलगाववादी समूह ने सारी हदें पार कर दी हैं। भारत इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की क्षेत्रीय अखंडता के तौर पर देखता है। और भारत का भाग्य भारतीय ही तय करेंगे, विदेशी नहीं।
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CTV News की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा (Indian High Commissioner Sanjay Kumar Verma) ने पिछले साल आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए तीन भारतीय नागरिकों को कनाडाई अदालत में पेश किए जाने के बाद पहली बार सार्वजनिक बयान दिया है।
कनाडा के अलगाववादी सिख समूहों को चेताया
संजय कुमार वर्मा ने इस मामले को कनाडा के घरेलू अपराधों से जोड़ते हुए कनाडा के अलगाववादी सिख समूहों को चेताया। यह वह सिख संगठन हैं, जो भारत से पंजाब राज्य को अलग करना चाहते हैं। ऐसे कुत्सित इरादे लेकर वह सारी हदें पार कर रहे हैं। भारत के लिए यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा का है।
भारत का भाग्य भारतीय तय करेंगे, विदेशी नहीं
संजय कुमार वर्मा ने एक प्रख्यात थिंक टैंक ‘मोनेट्रियल काउंसिल आन फारेन रिलेशंस’ से कहा कि भारत का भाग्य भारतीय तय करेंगे, विदेशी नहीं। उन्होंने परिषद को बताया कि काफी हल्ले-गुल्ले के बावजूद भारत और कनाडा के बीच सब-कुछ सकारात्मक ही है। दोनों देश इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत दोहरी नागरिकता को मान्यता नहीं देता
संजय कुमार वर्मा ने कहा कि मौजूदा नकारात्मक घटनाओं के पीछे एक गहरी समस्या जड़ें जमाए है जिसका ताल्लुक कनाडा की दशकों पुरानी एक गलतफहमी से है। उनकी मुख्य चिंता कनाडा की भूमि पर राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे के बढ़ने को लेकर है।
उन्होंने कहा कि भारत दोहरी नागरिकता को मान्यता नहीं देता है इसलिए जो लोग देश छोड़कर कहीं और बस जाते हैं, वह विदेशी माने जाते हैं। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही भारत के विदेश मंत्रालय ने भी अलगाववादी सिखों की गतिविधियों के खिलाफ कहा था कि ¨हसा का उत्सव नहीं मनाना चाहिए और ना ही उसका महिमा मंडन किया जाना चाहिए।
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इस बीच, ओटावा में कनाडा के विदेश मंत्री मिलेन जाली ने कहा कि कनाडा अभी भी यही मानता है कि भारत में घोषित आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय खुफिया एजेंटों का हाथ है। हालांकि, इसे साबित करने के लिए कोई सुबूत नहीं है।