डेली संवाद, जालंधर
पंजाब से गैंगस्टर्स कल्चर को खत्म करने के लिए पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता पर पहरा देते बुधवार सुबह पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस विंग ने जग्गू भगवानपुरिया गिरोह के कुख्यात गैंगस्टर हरमिंदर सिंह उर्फ पहलवान उर्फ मन्नू मेहमाचक को उसके सहयोगी के साथ जालंधर जिले के भोगपुर क़स्बा में एक मुठभेड़ के बाद ख़तरनाक हथियारों और गोली सिक्का के साथ गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी हरमिंदर गांव मेहमाचक,बटाला का रहने वाला है और उसका साथी हनी कुमार भी गुरदासपुर जिले के ही बटाला शहर में अचली गेट का रहने वाला है। काउंटर-इंटेलिजेंस की टीम ने इन गैंगस्टरों से तीन पिस्टल, एक राइफल, 161 जिंदा कारतूस और जंगली जानवरों को भागने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला एक सप्रे भी बरामद किया, जिसका पर्योग ये अपराधी पुलिस से भागने और गिरफ्तारी से बचने के लिए करते थे।
गैंगस्टर के पास से तीन पिस्तौल, एक राइफल और 161 जिंदा कारतूस जब्त
उनके खिलाफ जालंधर के पुलिस स्टेशन भोगपुर में भारतीय दंड संहिता की धारा 307 और 34 और धारा 25 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, एआईजी काउंटर इंटेलिजेंस, जालंधर श्री हरकमलप्रीत सिंह खख ने कहा कि काउंटर-इंटेलिजेंस विंग को एक गुप्त सूचना मिली कि खूंखार गैंगस्टर मन्नू अपने सहयोगी हनी के साथ दो अलग-अलग कारों पोलो नंबर (PB07- BT-7073) और S-CROSS नंबर (PB07-BT-3741)) पर अपराध करने के लिए भोगपुर क्षेत्र की ओर आ रहा है और उनके पास ख़तरनाक हथियारों और गोली सिक्का का एक बड़ा जखीरा है।
उन्होंने कहा कि विस्वसनीय सूचना प्राप्ति के बाद, इंस्पेक्टर प्रितपाल सिंह के नेतृत्व में एक टीम ने इलाके में घेराबंदी की और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन पुलिस द्वारा बार-बार चेतावनी देने पर भी इन आरोपियों ने पुलिस टीम पर गोलियां चला दीं और पैदल भागने की कोशिश की । ऐसा करने में विफल होने पर, उन्होंने कारों में बैठ भागने की कोशिश की लेकिन अपार साहस दिखाते हुए पुलिस ने दोनों को काबू कर लिया।
गुरुबाजार में हुई बडी सोने की लूट का था मुख्य आरोपी
एआईजी ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ के दौरान गैंगस्टर मन्नू ने खुलासा किया कि वह कुख्यात गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया का करीबी सहयोगी है और उसे वर्ष 2015 में पुलिस ने एक हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था और जेल में बंद किया गया था। अमृतसर जेल में रहने के दौरान, जग्गू भगवानपुरिया भी उसके साथ बैरक में बंद था और यही उनकी दोस्ती हुई।
श्री खख ने कहा कि 2017 में, मन्नू बटाला में अपने समूह के सदस्यों की मदद से पुलिस हिरासत से भाग गया था और पंजाब के विभिन्न जिलों में कई हत्याओं और बैंक डकैतियों के साथ-साथ सोने के गहने लूटने और वाहनों को छीनने की घटनाओं को अंजाम देता रहा है।
एआईजी ने कहा कि मन्नू ने पंजाब के साथ साथ आस-पास के राज्यों में भी कई अपराध किए है जिसमे से उसने बताया कि उसने अंकित भादू और अन्य लोगों के साथ मिलकर जग्गू भगवानपुरिया और लॉरेंस बिश्नोई के निर्देश पर राजस्थान में एक सरपंच की हत्या कर दी थी। आसपास के राज्यों में उसके द्वारा किए गए अन्य अपराधों का विवरण भी इन राज्यों के पुलिस विभागों से मांगा गया है।
गोपी घनशमपुरिया की भी बेरहमी से हत्या कर दी थी
“जग्गू के निर्देशों का पालन करते हुए, उसने जग्गू के प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर गोपी घनशमपुरिया की भी बेरहमी से हत्या कर दी थी और उसके शरीर को जलाने के बाद, उसने आधे जले हुए शरीर को ब्यास नदी में फेंक दिया था,” श्री खख ने बताया।
एआईजी ने कहा कि मन्नू ने अभी तक पांच डकैतियों में शामिल होने का भी खुलासा किया है जिसमे बस्सी गुलाम हुसैन होशियारपुर पीएनबी बैंक लूट 10 लाख रुपये की थी और एक्सिस बैंक की कोट फतुही में 11.5 लाख रुपये, आईडीबीआई बैंक जैतो सरजा बटाला से 26 लाख रुपये, तरन-तारन के जंडो के सरहाली एसबीआई बैंक में से चार लाख रुपये और सुरक्षा गार्ड से बंदूक तथा गुरु बाजार अमृतसर में हुई बड़ी सोने की लूट जिसकी कीमत करोड़ों रुपये थी शामिल है।
मन्नू पर पुलिस पार्टी पर हमला करने के अलावा वाहन छीनने के कई मामलों में भी शामिल रहा है और इसके अतिरिक्त उसने गैंगस्टर शुभम को भी पुलिस हिरासत से भगाया था, जिसमें एक पुलिसकर्मी गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया था।
जग्गू और बॉबी मल्होत्रा को पुलिस हिरासत से मुक्त करवाने की योजना बनाई थी
एआईजी ने कहा कि यह भी ध्यान में आया है कि उसने और उसके गिरोह के अन्य सदस्यों ने अब जग्गू भगवानपुरिया और बॉबी मल्होत्रा को पुलिस हिरासत से मुक्त करवाने की योजना बनाई थी, लेकिन जब वह इस घटना को अंजाम देने जा रहे थे तो उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त होने से घटना को अंजाम नहीं दे पाए थे।
गिरफ्तार साथी की प्रारंभिक पूछताछ के दौरान,हनी ने मन्नू और राणा कंदोवालिया के साथ अपने करीबी संबंध होने का खुलासा किया। इससे पहले उसके खिलाफ चोरी के दो मामले भी दर्ज थे। उसने ये खुलासा भी किया कि वह विदेशी नंबरों और इंटरनेट कॉल के जरिए प्रमुख लोगों को धमकी भरे कॉल करता था। एआईजी ने आगे कहा कि दोनों गैंगस्टरों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा और आगे की जांच के लिए उनके पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी।