डेली संवाद, पाकिस्तान। Pakistan News: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव के लिए मतदान होगा। पाकिस्तान इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट, आतंकी हमलों के दौर से गुजर रहा है। वहीं पाकिस्तान की राजनीति के लोकप्रिय चेहरे इमरान खान के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है।
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सवाल उठ रहे हैं कि जिस तरह से पीटीआई के खिलाफ कार्रवाई हो रही है तो चुनाव के बाद क्या पाकिस्तान में अराजकता का माहौल बढ़ेगा या फिर सब ठीक हो जाएगा? पाकिस्तान के चुनाव में भारत का भी खूब जिक्र हो रहा है।
तो पाकिस्तान की राजनीति के प्रमुख चेहरे कौन-कौन से हैं और उनका भारत के प्रति क्या रवैया रहा है और जो नई सरकार बनेगी, वह किस तरह से भारत के साथ संबंधों को आगे बढ़ाएगी ?
नवाज शरीफ (Nawaz Sharif)
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पीएम पद की रेस में सबसे आगे दिख रहे हैं। पाकिस्तान की राजनीति को जानने-समझने वाले लोगों का तो मानना है कि नवाज शरीफ का अगला प्रधानमंत्री बनना तय है।
नवाज शरीफ चार साल का स्व-निर्वासित जीवन लंदन में बिताकर नवाज शरीफ कुछ समय पहले ही पाकिस्तान लौटे हैं और उसके बाद से ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। नवाज शरीफ का भारत के प्रति रुख अमूमन नरम रहा है और वे भारत के साथ संबंध बेहतर करने के पक्षधर माने जाते हैं।
अपनी चुनावी रैलियों में भी नवाज शरीफ भारत की तारीफ कर रहे हैं और उन्होंने अपने घोषाणा पत्र में भारत को ‘शांति का संदेश’ देने का वादा किया है। हालांकि उन्होंने ये भी शर्त रखी है कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा लौटाना होगा।
इमरान खान (Imran Khan)
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के मुखिया और पूर्व पीएम इमरान खान और उनकी पार्टी, दोनों ही इन दिनों मुश्किल वक्त से गुजर रहे हैं। तोशाखाना मामले, सीक्रेट लेटर सार्वजनिक करने के मामले और गैर कानूनी तरीके से बुशरा बीबी से शादी करने के मामलों में इमरान खान को दोषी ठहराया जा चुका है और उन्हें कई साल जेल की सजा भी सुनाई गई है।
इमरान खान जेल में बंद हैं और उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी अथॉरिटीज द्वारा परेशान करने के आरोप लग रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान की राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता।
यही वजह है कि इमरान खान भले ही जेल में हैं, लेकिन अभी भी वह पाकिस्तान की राजनीति के अहम खिलाड़ी हैं और उनकी पार्टी को आमजन से जो समर्थन मिल रहा है, उसके चलते भी लोगों की चुनाव नतीजों पर नजरे हैं।
इमरान खान का रुख भी भारत के प्रति सकारात्मक रहा है और वे कई बार भारत की आर्थिक तरक्की और भारत की विदेश नीति की खुलकर तारीफ कर चुके हैं। इमरान खान ने कश्मीर मुद्दे पर भी नरम रुख अपनाया था और भारत के साथ बातचीत की पेशकश की थी।
ऐसे में इमरान खान अगर पाकिस्तान की सत्ता में फिर से आते हैं तो ऐसी उम्मीद है कि वे भारत के साथ संबंध बेहतर करने की कोशिश कर सकते हैं।
बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari)
पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति रहे आसिफ अली जरदारी के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन हैं।
बिलावल भुट्टो को राजनीति विरासत में मिली है और उनके नाना जुल्फिकार अली भुट्टो भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे थे। बिलावल भुट्टो पिछली पीएमएलएन और पीपीपी की गठबंधन सरकार में पाकिस्तान के विदेश मंत्री थे। बिलावल भुट्टो भी भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को बेहतर करन के पक्षधर है।
हालांकि उन्होंने पीएम मोदी को लेकर विवादित बयान भी दिया था। बिलावल भुट्टो की पार्टी का सिंध में दबदबा है और वे एक बार पाकिस्तान के शिव मंदिर में पूजा करके भी चर्चा में आ चुके हैं।
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पाकिस्तान के चुनाव नतीजों के बाद अगर कोई चौंकाने वाला नतीजा सामने नहीं आया तो इन्हीं तीन में से कोई एक नेता अगला प्रधानमंत्री बन सकता है।
ये तीनों नेता भारत के साथ अच्छे संबंधों की बात कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान के भारत के साथ संबंध असल में वहां की सेना ही तय करती है और अभी पाकिस्तान में जिस तरह से आर्थिक संकट गहराया हुआ है। ऐसे में माना जा रहा है कि पाकिस्तान की सेना भी भारत को फिलहाल नाराज करने का खतरा मोल नहीं लेगी।