डेली संवाद, कनाडा। Canada-India News: आज के समय में पंजाब के लोगों की विदेश में पहले पसंद कनाडा बना हुआ है। पंजाब के ज्यादातर छात्र कनाडा जाकर पढ़ाई करना चाहते है। पंजाब के युवा कनाडा के शानदार संस्थानों में पढ़ने का मौका ढूढंते है।
बता दें कि बेहतर जिंदगी जीने के लिए कनाडा से दूसरी कोई ओर जगह नहीं है। आज के समय में कनाडा को सबसे बेहतर जगह माना जाता है। इसका मुख्य कारण एक और भी है कि यहां के जीवन की गुणवत्ता शानदार होती है।
ये भी पढ़ें: जालंधर के Board to Abroad के ट्रेवल एजैंट पर महिला ने लगाए सनसनीखेज आरोप
अगर पढ़ाई के लिए विदेश जाने की बात आती है तो भारतीय स्टूडेंट्स इस लिस्ट में सबसे ऊपर कनाडा को ही रखते है वहीं भारीतय छात्रों के कनाडा को पसंद करने की कई वजहें है जैसे कि बाकि देशों के मुकाबले कनाडा का सस्ता, होना, कागजी औपचारिकताएं आसानी से पूरा होना आदि।
अमेरिका की यूएस न्यूज बेस्ट कंट्री रैंकिंग के अनुसार क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिहाज से स्वीडन और डेनमार्क के बाद कनाडा दुनिया का तीसरा देश है, जहां आर्थिक स्थायित्व, वेतन समानता, सुरक्षा, अच्छी सुरक्षा जैसे कई कारण, यहां के जीवन की गुणवत्ता को शानदार बनाते हैं।
कनाडा में भारतीयों छात्रों की मौत का आंकड़ा सबसे ऊपर
लेकिन वहीं दूसरी तरफ कनाडा में भारतीयों छात्रों की मौत का आंकड़ा भी सबसे ऊपर है। जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार 2018 से बाद से विदेश में भारतीय छात्रों की मौतों की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई है। वहीं इन आंकड़ो पर कनाडा की जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली सरकार ने भी चिंता व्यक्त की है।
सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम
उन्होंने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय छात्रों की स्थिति में सुधार के लिए एहम कदम उठा रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कनाडा सरकार का लक्ष्य 2024-25 के शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत से पहले इन नए एहतियाती कदमों को लागू करना है।
ये भी पढ़ें: डंकी रूट से विदेश जाने का है प्लान, तो ये स्टोरी पढ़कर कांप जाएगी रूह
इसके साथ ही कनाडा के आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा मामलों के सरकारी विभाग ने कहा है कि छात्रों से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के तरीके विकसित करने के लिए प्रांतों और शिक्षण संस्थानों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
91 भारतीय छात्रों की मौतें कनाडा में हुई
जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच सालों में यानी 2018 के बाद से विदेश में 403 भारतीय छात्रों की मौतें विदेश मंत्रालय ने दर्ज की हैं। इनमें से 91 भारतीय छात्रों की मौतें कनाडा में हुई है। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों में इन मौतों के लिए प्राकृतिक कारणों, दुर्घटनाओं और चिकित्सा स्थितियों सहित कई कारण जिम्मेदार है।