डेली संवाद, जालंधर। PIMS News: पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसिज (PIMS) में हर साल की इस साल भी राष्ट्रीय पोषक सप्ताह के तहत मरीजों और सीटी इंस्टीच्यूट शाहपुर कैंपस के बच्चों को जागरुक किया गया। पिम्स के मेडिसन विभाग के प्रो. एंड हैड डा. एन.एस नेकी की ओर से विभाग में मरीज और उनके साथ आए लोगों को जागरुक किया।
इस अवसर पर पिम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. कंवलजीत सिंह, डायरेक्टर प्रिंसीपल डॉ. राजीव अरोड़ा, गायनी विभाग की प्रमुख डॉ. एच.के चीमा विशेष रूप से उपस्थित हुए। इस अवसर पर पिम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. कंवलजीत सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय पोषक दिवस हर साल एक से सात सितंबर को मनाया जाता है।
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उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य को लेकर जागरुकता का अभाव होने के कारण स्वास्थ्य सुविधाओं से ज्यादा रोगियों का आंकड़ा है। बिमारियां बढ़ने का कारण केवल हमारी खराब जीवनशैली और गलत खानपान है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को पोष्टिक आहार सेवन की आवश्यकता के बारे में जागरुक करना है ताकि शरीर में पोषण की पूर्ति को बढ़ावा दिया जा सके।
रेजिडेंट डायरेक्टर अमित सिंह और डायरेक्टर प्रिसीपल डा. राजीव अरोड़ा ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का मतलब है कि पोषक आहार को चार हिस्सों में बाटना है। जैसे कि पहला सप्ताह में हम वो खाएं जिससे वातावरण को कोई नुकसान न पहुचें। दूसरे सप्ताह हम अपने भोजन को अपने आयु के हिसाब से बांटे। तीसरे सप्ताह हम वो खाना खाने से बचना चाहिए जिससे बिमारियों को न्यौता ना मिले जैसे कि जंक फूड चिप्स पेय पदार्थ से दूर रहना।
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अंत में चौथे सप्ताह हमें अपनी प्लेट उस हिसाब से बनानी चाहिए, जिसमें कार्बोंहाउड्रेट, विटामिन, मिनरल भरपूर मात्रा में हो। गायनी विभाग की प्रमुख डा. एच के चीमा ने कहा कि एक सर्वे के अनुसार पंजाब में अभी भी 56 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी से जूझ रहीं हैं। गर्भवती महिलाओं को उन्होंने गुड़ खाने की सलाह दी जिससे खून की कमी दूर होती है औऱ कम से कम दो गिलास दूध पीएं।
एक अपने लिए तथा दूसरा गिलास आपके पेट में पल रही नन्ही जान के लिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने नाखून समय-समय पर काटने चाहिए क्योंकि बड़े हुए नाखून से बैक्टिरिया पेट में जाते हैं, जिससे घर के सदस्य बिमारियों से जूझते रहते हैं। डाइटिशियन लवनेह जोशी ने इस अवसर पर बताया कि जन्म से लेकर बुढ़ापे तक हमें पोषक आहार ही लेना चाहिए।
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अपने आहार में हरी सब्जियों को शामिल करों। जंक फूड को न कहों। जंक फूड कभी कभार तो चल सकता है, लेकिन हर समय जंक फूड का सेवन बिमारियों को न्यौता देना है। मेडिसन विभाग के प्रमुख डा. एन.एस नेकी ने कहा कि डिब्बा बंद खाने खाने से बचें। पोषक आहार लें। पोषक आहार से लोग बिमारियों की चपेट में नहीं आएंगे।
उन्होंने लोगों से अपील की कि आज के जागरुकता कार्यक्रमके बाद अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें ताकि एक खुशहाल और बिमारोयों से मुक्त पंजाब बन सके। जोकि एक मिसाल होगी। इस अवसर पर मेडिसन विभाग के डॉ. भवनीत कौर, डॉ. कुसुम बाली, डॉ.तरुणदीप सिंह, डॉ. जसविंदर कौर औऱ डॉ. अमरजीत सिंह विज उपस्थित थे।