नई दिल्ली। Adipurush Review: स्टार कास्ट प्रभास वाली फिल्म आदिपुरुष के डायलाग बदले जाएंगे। क्योंकि आदिपुरुष के डायलाॅग को लेकर काफी बवाल मचा हुआ था। फिल्म को अच्छा रिस्पाॅन्स मिलने के साथ-साथ इसके डायलाॅग्स को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है। लोगों का कहना है कि फिल्म में ये टपोरी डायलाॅग देकर रामायण का मजाक उड़ाया जा रहा है।
काफी विवादों के बाद फिल्म के डायलाॅग बदले जाएंगे। इस बात की जानकारी मनोज मुंतशिर ने एक ट्वीट कर दी है। बता दें कि प्रभास और कृति सेनन स्टारर इस फिल्म के डायलाॅग मनोज मुंतशिर ने ही लिखे हैं। ग्रैंड बजट की इस फिल्म को लेकर दर्शक काफी एक्साइटडेट थे, लेकिन फिल्म के डायलाॅग सुनकर दर्शक काफी निराश हैं।
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मनोज मुंतशिर ने अपने द्वारा लिखे गए डायलाॅग के बचाव में कहा है कि ऐसी भाषा गलती से नहीं लिखी गई है, बल्कि इसका जानबूझकर इस्तेमाल किया गया है। ताकि दर्शक इससे जल्दी रिलेट कर सकें। मनोज का कहना है कि भारत के कई कथावाचक इस तरह की भाषा का उपयोग करते हैं। वहीं अब एक बार फिर मनोज ने लंबा सा ट्वीट कर फिल्म के डायलाॅग बदलने की जानकारी दी है।
मनोज मुंतशिर ने ट्वीट कर लिखा ‘रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना। सही या गलत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है। आदिपुरुष में 4000 से भी ज्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएँ आहत हुईं।
रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना.
सही या ग़लत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है.
आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएँ आहत हुईं.
उन सैकड़ों पंक्तियों में जहाँ श्री राम का यशगान…— Manoj Muntashir Shukla (@manojmuntashir) June 18, 2023
उन सैकड़ों पंक्तियों में जहाँ श्री राम का यशगान किया, माँ सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं। मेरे ही भाइयों ने मेरे लिये सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखे। वही मेरे अपने, जिनकी पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर अनेकों बार कवितायें पढ़ीं, उन्होंने मेरी ही माँ को अभद्र शब्दों से संबोधित किया।
3 मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया
इसके आगे मनोज ने लिखा ‘मैं सोचता रहा, मतभेद तो हो सकता है, लेकिन मेरे भाइयों में अचानक इतनी कड़वाहट कहाँ से आ गई कि वो श्री राम का दर्शन भूल गये जो हर माँ को अपनी माँ मानते थे। शबरी के चरणों में ऐसे बैठे, जैसे कौशल्या के चरणों में बैठे हों। हो सकता है, 3 घंटे की फिल्म में मैंने 3 मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो, लेकिन आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाजी क्यों की, मैं जान नहीं पाया।
श्री राम की सेना….
आज बजरंग बली की सीट छोड़कर,
पूरा थियेटर भर देना!जय श्री राम!#JaiShriRam #jaibajrangbali #Adipurush #AdipurushWithFamily #HANUMAN #event #manojmuntashir #ManojMuntashirShukla pic.twitter.com/rlAISxZGEC
— Manoj Muntashir Shukla (@manojmuntashir) June 16, 2023
क्या आपने ‘जय श्री राम’ गीत नहीं सुना,‘शिवोहम’ नहीं सुना, ‘राम सिया राम’ नहीं सुना? आदिपुरुष में सनातन की ये स्तुतियाँ भी तो मेरी ही लेखनी से जन्मी हैं। ‘तेरी मिट्टी’ और ‘देश मेरे ’भी तो मैंने ही लिखा है। मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है, आप मेरे अपने थे, हैं और रहेंगे।’
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हम एक दूसरे के विरुद्ध खड़े हो गये तो सनातन हार जायेगा। हमने आदिपुरुष सनातन सेवा के लिए बनायी है, जो आप भारी संख्या में देख रहे हैं और मुझे विश्वास है आगे भी देखेंगे। ये पोस्ट क्यों? क्योंकि मेरे लिये आपकी भावना से बढ़ के और कुछ नहीं है। मैं अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकता हूँ, लेकिन इस से आपकी पीड़ा कम नहीं होगी।
मैंने और फिल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है, कि वो कुछ संवाद जो आपको आहत कर रहे हैं, हम उन्हें संशोधित करेंगे, और इसी सप्ताह वो फिल्म में शामिल किए जाएंगे। श्री राम आप सब पर कृपा करें।’ रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना। सही या गलत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है। आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएँ आहत हुईं। उन सैकड़ों पंक्तियों में जहाँ श्री राम का यशगान।