विशेष संवाददाता
डेली संवाद, जालंधर
लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही जालंधर की सीट को लेकर राजनीति गरमा गई है। इस सीट से कौंसलर से विधायक बने सुशील रिंकू ने अपना मजबूत दावा पेश किया है। रिंकू के साथ जहां पूर्व कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह खेमा पूरा साथ दे रहा है, वहीं सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की भी पहली पसंद सुशील रिंकू ही हैं। जिसे लेकर इस बार मौजूदा सांसद संतोख चौधरी में छटपटाहट शुरू हो गई है।
टिकट कटते देख कर चौधरी पूरी तरह से कांग्रेसियों की ‘बटरिंग’ की रणनीति पर उतर आए हैं। विधानसभा चुनाव में करारी हार का स्वाद चख चुके बिक्रम चौधरी अब अपने पिता संतोख चौधरी को जिताने का दम भर रहे हैं। पिछले कई साल से बिक्रम चौधरी ने कांग्रेसियों और आम जनता में कोई पैठ नहीं बनाई, बल्कि दूरी बना रखी थी, अचानक वे सक्रिय होकर कांग्रेसी विधायकों को लंच करवा रह हैं।
लंच और ‘बटरिंग’ रणनीति के पीछे सांसद चौधरी की कटती टिकट की झलक साफ देखी जा सकती है। हालांकि इस लंच में राणा गुरजीत सिंह के खासमखास विधायक लाडी शेरोवालिया भी थे, जो विधायक सुशील रिंकू के अत्यंत करीबी बताए जा रहे हैं। दूसरी तरफ विधायक सुशील रिंकू की पैठ सीधे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्रीय नेतृत्व में हैं। जिससे इस बार सुशील रिंकू सांसद चौधरी पर भारी पड़ते देख रहे हैं।
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