डेली संवाद, पंजाब। Mining: अवैध खनन के मुद्दे को लेकर जहां पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab And Haryana High Court) पहले ही पंजाब सरकार पर काफी सख्त रहा है, वहीं अब अदालत ने एक और आदेश पारित कर किसी भी निजी ठेकेदार या सरकार को पर्यावरण मंजूरी प्राप्त किए बिना खनन करने से रोक दिया है।
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हाईकोर्ट ने यह आदेश तब दिया जब फिरोजपुर ब्लॉक 3 में चल रहे खनन स्थलों का मामला हाईकोर्ट पहुंचा और निजी ठेकेदार ने सरकार पर अवैध खनन का आरोप लगाया है। निजी ठेकेदार का कहना है कि पर्यावरण मंजूरी उनके नाम पर है और पंजाब सरकार उनके नाम पर अवैध खनन चला रही है। इसके बाद हाईकोर्ट ने आज स्पष्ट किया कि कोई भी निजी ठेकेदार या ठेकेदार खनन स्थलों पर खनन तब तक नहीं कर सकता जब तक कि सरकार के नाम से खनन स्थलों की पर्यावरण मंजूरी नहीं हो जाती।
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इससे पहले, उच्च न्यायालय ने सीमावर्ती क्षेत्रों में खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है, ‘खुदाई’ के नाम पर खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है, गाद निकालने के नाम पर खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है और खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब हाईकोर्ट ने सरकार से पर्यावरण मंजूरी मिलने तक खनन पर रोक लगा दी है।
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