डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद लोगों ने बड़े बदलाव की उम्मीद थी, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार में भी उसी तरह बदलाव हो रहे हैं, जो पिछली अकाली-भाजपा औऱ कांग्रेस की सरकारों के समय में होती थी। या यूं कह लीजिए कि जालंधर नगर निगम में पिछले एक दशक से एक ही कुर्सी पर चिपके कई अफसरों का आज तक कोई भी सरकार तबादला नहीं कर सकी है।
पिछले दिनों स्थानीय निकाय विभाग में बड़े पैमाने पर तबादले किए गए। इसमें बिल्डिंग ब्रांच और बीएंडआर ब्रांच के साथ साथ सुपरिटैंडेंट को बदला गया। जालंधर निगम के बिल्डिंग ब्रांच में करप्शन को साफ करने का दावा करने वाले विधायक शीतल अंगुराल और रमन अरोड़ा भी पूरी तरह से करप्शन की सफाई नहीं कर पाए। क्योंकि अभी भी कुछ लोग बिल्डिंग ब्रांच में एक दशक से जमे हुए हैं।
इसे भी पढ़ें: पंजाब में तहसीलदारों का तबादला, पढ़ें ट्रांसफर लिस्ट
पिछले एक दशक से बिल्डिंग ब्रांच में कुर्सी पर जमे अफसरों को AAP सरकार भी नहीं हिला सकी। इसमें एटीपी से डिमोट हुए राजिंदर शर्मा, इंस्पैक्टर से प्रमोट हुई पूजा मान और ड्राफ्ट्समैन वरुण कुमार की कुर्सी आज भी वहीं की वहीं है। जालंधर नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच के भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए भगवंत मान और स्थानीय निकाय मन्त्री निज्जर के प्रयास चंडीगढ़ में बैठे सुपरिंटेन्डट स्तर के अधिकारियों के आगे बेबस नजर आ रहे हैं।
जालंधर में तीन अधिकारी- एटीपी पूजा मान, एटीपी से बिल्डिंग इंस्पैक्टर डीमोट हुए रजिंदर शर्मा और मेयर राकेश राठौर के समय भर्ती हुए ड्राफ्टसमैन वरुण जो कि तब संघ के नाम इस्तेमाल कर जूनियर ड्राफ्टसमैन भर्ती हुए और तब से एक दशक से ज्यादा समय से यही हैं। राजेंद्र शर्मा बतौर एटीपी आए फिर बिल्डिंग इंस्पैक्टर डीमोट हुए, फिर चंडीगढ़ में स्थानीय निकाय की शाखा के सुपरिंटेन्डट कुलविंदर की मेहरबानी से एटीपी बने और फिर प्रक्रिया में अनिमियतता पकड़े जाने पर डीमोट हुए।
भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को नाक चढ़ा रहे हैं
यह कागज दो महीने तक दबा के रखा गया और नई निगम आयुक्त दीपशिखा के आने पर डीमोट के ऑर्डर लागू हुए। विधायक रमन अरोडा ने भी सस्पेंड करवाने की बात कही लेकिन सब बातें आयुक्त के बदलते ही हवा हवाई हो गयी। अब राजेंद्र शर्मा एक दशक से भी ज्यादा समय से निगम में रह कर भगवंत मान की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को नाक चढ़ा रहे हैं और उनके सहयोगी के रूप में यह दोनों भी तबादला नीति पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं।
जालंधर निगम में यह खेल बिल्डिंग ब्रांच में बही नहीं हुआ, बल्कि बीएंडआर ब्रांच में राहुल धवन का तबादला कर दिया है, जबकि रजनीश डोगरा की आज भी कुर्सी सलामत है। पिछले कई साल से एक्सईएन और अब एसई रजनीश डोगरा की कुर्सी किसी भी सरकार में नहीं हिली है।
इसे भी पढ़ें: विक्की कौशल के साथ कटरीना कैफ का Happy Birth Day
कुर्सी से चिपके ऐसे कई नाम जालंधर नगर निगम के दफ्तर में है, जिन्हें तत्काल हटाना चाहिए। पिछले एक दशक से कर्सी से चिपके ये अफसर नगर निगम दफ्तर में अपने मर्जी के मुताबिक काम करते हैं। नगर निगम के ही कुछ अधिकारियों ने इन अफसरों के नाम लिखकर स्थानीय निकाय मंत्री इंदरबीर सिंह निज्जर को भेजा है और मांग की है कि इनका भी तबादला किया जाए।
छत पर रखी टंकी में पानी की बजाए निकलने लगी शराब, देखें
https://www.youtube.com/watch?v=O99lbWPSHvg&t=28s