नई दिल्ली। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Delhi Health Minister Satyendar Jain) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ईडी (Enforcement Directorate) की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है। ईडी ने उन्हें आज गिरफ्तार कर लिया है। मामला पुराना है और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में यह कार्रवाई सीबीआई (CBI) की तरफ से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में दर्ज एफआईआर के आधार पर हुई है।
सतेंद्र जैन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप है। केजरीवाल सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन और उनके परिवार के फर्मों से संबंधित करीब 5 करोड़ की अचल संपत्तियों को अस्थाई रूप से जब्त किया गया है। सीबीआई की ओर से अगस्त 2017 में केस दर्ज किया था और बाद में केस ईडी के हवाले कर दिया गया था। सत्येंद्र जैन के पास दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य, बिजली, गृह, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), उद्योग, शहरी विकास, बाढ़, सिंचाई और जल महकमा है।
सत्येंद्र जैन के मामले में क्या है सीबीआई का दावा
सीबीआई ने दावा किया था कि जैन ने 2018 से पहले के पांच वर्षों में दिल्ली में उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों के नाम पर 200 बीघा कृषि भूमि खरीदी। आरोप यह लगा कि जैन ने पूर्व में इन कंपनियों को या तो निदेशकों में से एक के रूप में या इन कंपनियों के एक तिहाई शेयरों को अपने नाम पर या अपने परिवार के सदस्यों या अन्य लोगों के नाम पर लिया था।
CBI ने इस मामले में कहा कि 2010-16 के बीच दिल्ली के औचंडी, बवाना, कराला और मोहम्मद माजवी गांवों में 200 बीघा जमीन खरीदने के लिए धन का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया था। आयकर विभाग ने भी इन लेन-देन की जांच की थी और जैन से कथित रूप से जुड़ी बेनामी संपत्ति को कुर्क करने का आदेश जारी किया था।
CBI केस के आधार पर ED की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू
ईडी ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ 2017 सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। ईडी की जांच में पता चला कि 2015-16 की अवधि के दौरान, जब सत्येंद्र कुमार जैन एक लोक सेवक थे उनके स्वामित्व और नियंत्रण वाली कंपनियों को हवाला मार्ग के माध्यम से कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को नकद ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।
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