डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब को शिक्षा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अध्यापकों और बच्चों के कंधों से नकली परिणामों का बोझ घटाया जाएगा और केवल प्रामाणिक परिणाम ही आगे लेकर जाए जाएंगे। यह बात पंजाब के शिक्षा और खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने आज एक निजी चैनल द्वारा ‘शिक्षा पर संवाद’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए कही।
शिक्षा और खेल विभाग का रोडमैप साझा करते हुए श्री मीत हेयर ने बताया कि राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार आने पर लोगों में आशा जागी है कि शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता मिलेगी। शिक्षा क्षेत्र में सुधारों के लिए कारगर नीति बनाने के लिए निचले स्तर पर स्कूलों के दौरे करके अध्यापकों, विद्यार्थियों यहाँ तक कि दर्जा चार कर्मचारियों से भी फीडबैक हासिल किया जा रहा है। इसी फीडबैक से पता लगा है कि ऑनलाइन कक्षाओं ने शिक्षा पर बहुत बुरा प्रभाव डाला है क्योंकि विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फ़ोन ही नहीं थे।
निर्धारित ढंग से नकल करवाई जाती रही
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा पहले नंबर पर आने की होड़ ने बेसलाईन परिणाम फर्जी तौर पर बेहतर दिखाने के कारण शिक्षा पर बुरा प्रभाव डाला। स्कूलों के दौरों के समय स्वयं विद्यार्थियों के साथ बातचीत के दौरान शिक्षा के बुरे स्तर का पता लगा। पिछली सरकारों द्वारा बुनियादी सुविधाएं ख़ासकर दर्जा चार कर्मचारी तक भी नहीं पहुँचाई गईं, परन्तु स्कूलों पर बेहतर परिणाम दिखाने के लिए फर्जी बेसलाईन परिणाम तैयार कर अच्छे परिणाम दिखाने के लिए कहा गया, जिसके लिए निर्धारित ढंग से नकल करवाई जाती रही।
यही कारण है कि हमारे पास सबसे काबिल और योग्य अध्यापक होने के बावजूद सरकारी स्कूलों की व्यवस्था का बुरा हाल है। हालाँकि कई सरकारी स्कूल अपने बलबूते प्राईवेट स्कूलों को भी पराजित करते आ रहे हैं। उन्होंने सीमावर्ती जिला फाजिल्का के एक स्कूल की उदाहरण भी दिया। कई स्कूलों में बच्चों के बेहतर परिणाम भी देखे। यह स्कूल बिना सरकारी मदद पर अपने बलबूते बढिय़ा चल रहे हैं।
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