डेली संवाद, जालंधर। Punjab News: पंजाब की जालंधर वेस्ट सीट से उपचुनाव (By Poll) जीतने वाले मोहिंदर भगत (Mohinder Bhagat) आने एक-दो दिनों में मंत्रीपद की शपथ ले सकते है। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई। सूत्रों से पता चला है कि सरकार ने इसके लिए गवर्नर हाउस से समय मांगा है।
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समय मिलते ही उन्हें शपथ दिलाई जा सकती है। गुरमीत मीत हेयर ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद उनकी जगह पर कोई नया मंत्री नहीं बनाया गया है।
खेल मंत्री का पद मिलेगा
जालंधर वेस्ट से चुनाव जीतने वाले मोहिंदर भगत को मुख्यमंत्री मान द्वारा आज मंत्री पद दे दिया गया है। बता दें कि मोहिंदर भगत को खेल मंत्री (Sports Minister) का पद मिलेगा, जो पहले मीत हेयर का विभाग था।
अब इस विभाग की देख-रेख मोहिंदर भगत द्वारा की जाएगी। जानकारी के अनुसार उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी और पूर्व विधायक और बीजेपी प्रत्याशी शीतल अंगुराल को 37325 वोटों के भारी अंतर से हराया था।
पिता चुन्नी लाल भगत भी मंत्री रह चुके
मोहिंदर भगत के पिता चुन्नी लाल भगत भी मंत्री रह चुके हैं। वह अकाली-भाजपा की गठबंधन सरकार में भाजपा के कोटे से मंत्री बने थे। हालांकि अब वह एक्टिव पॉलिटिशियन नहीं है।
मोहिंदर भगत ने लोकसभा चुनाव के वक्त आप जॉइन की थी। इसके बाद उन्हें उपचुनाव में जालंधर वेस्ट से टिकट दी गई। पूर्व मंत्री भगत ने कहा था कि अब उनका भाजपा या किसी दूसरी पार्टी से संबंध नहीं है। वह राजनीति छोड़ चुके हैं।
जीत की यही बड़ी वजह भी
जालंधर वेस्ट सीट पर AAP को एकतरफा जीत मिली। शनिवार को उपचुनाव की मतगणना में AAP के मोहिंदर भगत यहां से 37,325 वोटों से जीते। उन्हें 55,246 वोट मिले। इसके उलट उनके खिलाफ चुनाव लड़े भाजपा, कांग्रेस, अकाली दल और निर्दलीय समेत 15 उम्मीदवारों के वोट जोड़ दें तो भी उन्हें कुल 39,363 वोट पड़े।
CM ने यह किया था वादा
जालंधर उपचुनाव के वक्त CM भगवंत मान ने भी वादा किया था कि जालंधर वेस्ट वाले CM मोहिंदर भगत को एक सीढ़ी चढ़ा दें, दूसरी सीढ़ी वह खुद चढ़ा देंगे।
यहां सीएम मान के कहने का मकसद मोहिंदर भगत को मंत्री बनाने से जोड़ा गया। जालंधर अर्बन से आप सरकार में फिलहाल कोई मंत्री नहीं है। हालांकि जालंधर जिले की करतारपुर सीट से विधायक बलकार सिंह जरूर सरकार में मंत्री है।
ऐसे बनी थी उप चुनाव की स्थिति
जालंधर वेस्ट सीट पर उप चुनाव की स्थिति उस समय बनी थी, जब AAP के ही विधायक शीतल अंगुराल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले BJP में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि तब उनका इस्तीफा विधानसभा स्पीकर की तरफ से मंजूर नहीं किया गया था।
इसके बाद जैसे ही लोकसभा चुनाव संपन्न हुए तो विधानसभा स्पीकर से मिले थे। साथ ही उन्होंने इस्तीफा वापस लेने की मांग की थी। उनका कहना था कि वह नहीं चाहते है कि दोबारा चुनाव की प्रक्रिया हो। हालांकि इसके बाद स्पीकर ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया। साथ ही निर्वाचन आयोग की तरफ से इस सीट पर चुनाव की घोषणा कर दी गई थी।