Amazon News: हाल ही में केंद्रीय कॉमर्शियल और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम में अमेरिकी ई-टेलर कंपनी Amazon की कीमतों से जुड़ी रणनीति (Predatory Pricing) पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि Amazon द्वारा भारत में किया जा रहा निवेश वास्तव में जश्न मनाने की बात नहीं है, क्योंकि यह निवेश सिर्फ कंपनी द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई के लिए है।
Amazon का निवेश और उसके पीछे की सच्चाई
गोयल ने अपने बयान में कहा कि जब अमेजॉन यह कहता है कि वह भारत में एक बिलियन डॉलर का निवेश करेगा और हम सभी इसे लेकर खुश होते हैं, तो हम यह भूल जाते हैं कि यह पैसा किसी बड़े निवेश या भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए नहीं आ रहा है। असल में, यह पैसा उस नुकसान की भरपाई के लिए आ रहा है जो कंपनी ने अपने बैलेंस शीट में झेला है।
अमेजॉन सेलर सर्विसेज (Amazon Seller Services), जो भारत में अमेजॉन का मार्केटप्लेस बिजनेस है, ने वित्तीय वर्ष 2023 में 4,854 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया था। यह पिछले साल के 3,649 करोड़ रुपये के नुकसान से 33% ज्यादा है।
शोषणकारी मूल्य नीति और भारतीय व्यापार पर प्रभाव
शोषणकारी मूल्य नीति (Exploitative pricing policy) का मतलब होता है कि किसी वस्तु या सेवा की कीमतें इतनी कम कर दी जाती हैं कि छोटे और मझोले व्यापारी उन कीमतों पर मुकाबला नहीं कर पाते। इससे स्थानीय बाजार को भारी नुकसान होता है और धीरे-धीरे वह बाजार एक बड़े खिलाड़ी के नियंत्रण में आ जाता है। केंद्रीय कमर्शियल और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस नीति पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इसे भारतीय व्यापारिक ढांचे और रोजगार के लिए एक बड़ी चुनौती बताया है।
Piyush Goyal ने कहा कि अगर अमेजॉन एक साल में 6,000 करोड़ रुपये का नुकसान करता है, तो यह साफ दिखाता है कि वे शोषणकारी मूल्य नीति अपना रहे हैं। यह नीति स्थानीय व्यापारियों और ट्रेडिशनल व्यापार के लिए एक गंभीर चुनौती बन रही है।
Amazon की कानूनी खर्च और विवाद
Piyush Goyal ने यह भी सवाल उठाया कि अमेजॉन ने अपने कानूनी और पेशेवर खर्चों पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने इस बात पर शंका जताई कि इतनी बड़ी रकम वकीलों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को कैसे दी गई।
यह विवाद 2021 में उस समय सामने आया था, जब कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने दावा किया कि अमेजॉन ने वित्तीय वर्ष 2019 और 2020 के दौरान कानूनी खर्चों पर 8,456 करोड़ रुपये ($1.2 बिलियन) खर्च किए हैं। हालांकि, अमेजॉन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका कानूनी खर्च कुल खर्च का एक छोटा हिस्सा है, और वित्तीय वर्ष 2020 में उन्होंने कुल 1,967 करोड़ रुपये कानूनी और पेशेवर खर्चों पर किए हैं।
ई-कॉमर्स का बढ़ता असर और स्थानीय व्यापार पर खतरा
केंद्रीय मंत्री Piyush Goyal ने ई-कॉमर्स के बढ़ते प्रभाव और इसके भारतीय पारंपरिक खुदरा व्यापार पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि आने वाले दस सालों में भारत के आधे बाजार पर ई-कॉमर्स का कब्जा हो सकता है, जो कि एक बड़ी चिंता का विषय है।
Piyush Goyal ने खास तौर पर फार्मेसी और मोबाइल रिपेयर शॉप जैसे छोटे व्यवसायों पर ई-कॉमर्स के प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने व्यापारिक समुदाय और विशेषज्ञों से अपील की कि वे ई-कॉमर्स के प्रभाव को देश की जरूरतों के हिसाब से वैज्ञानिक तरीके से और गहराई से समझने की कोशिश करें।