डेली संवाद, नई दिल्ली। Budget 2024-25: 2024-25 के बजट में, केंद्र सरकार ने रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन योजनाओं का विस्तार से वर्णन किया, जो युवाओं को रोजगार देने और कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई हैं।
Budget 2024-25: नए रोजगार सृजन योजना के तहत नकद हस्तांतरण
सरकार ने ‘न्यू एम्प्लॉयमेंट जेनरेशन‘ योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस योजना के अंतर्गत सभी औपचारिक क्षेत्रों में नए रोजगार प्राप्त करने वालों को एक माह के वेतन के बराबर राशि, अधिकतम 15,000 रुपये तक, प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण के रूप में दी जाएगी। यह राशि तीन किस्तों में दी जाएगी।
योजना की पात्रता
- इस योजना के तहत, उन लोगों को लाभ मिलेगा जिनका वेतन प्रति माह 1 लाख रुपये से कम है।
- इस योजना का उद्देश्य 21 मिलियन (2.1 करोड़) युवाओं को लाभान्वित करना है।
इंटर्नशिप के अवसर
सरकार ने 500 शीर्ष कंपनियों में 10 मिलियन (1 करोड़) युवाओं के लिए अगले पांच वर्षों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने की योजना भी शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत:
- इंटर्न को प्रति माह 5,000 रुपये का भत्ता मिलेगा।
- इसके साथ ही, 6,000 रुपये की एकमुश्त सहायता राशि भी दी जाएगी।
- इस योजना के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में रोजगार
मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने एक विशेष योजना बनाई है। इसके तहत:
- पहले चार वर्षों के दौरान, नए कर्मचारियों और उनके नियोक्ताओं को उनके ईपीएफओ (EPFO) योगदान के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
- इस योजना से 3 मिलियन (30 लाख) युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार
सरकार ने सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए एक योजना बनाई है। इसके तहत:
- प्रति माह 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले अतिरिक्त रोजगार को कवर किया जाएगा।
- सरकार नियोक्ताओं को दो वर्षों के लिए उनके ईपीएफओ योगदान की प्रतिपूर्ति करेगी, जो प्रति अतिरिक्त कर्मचारी 3,000 रुपये प्रति माह तक होगी।
- इस योजना से 5 मिलियन (50 लाख) लोगों को अतिरिक्त रोजगार मिलने की उम्मीद है।
कांग्रेस की योजनाओं से प्रेरणा
इन योजनाओं में कांग्रेस की न्याय योजना और न्याय पत्र से प्रेरणा ली गई है, जो 2019 और 2024 के आम चुनाव घोषणापत्र में प्रस्तावित की गई थीं। 2024 के चुनाव में कांग्रेस ने हर गरीब भारतीय परिवार को 1 लाख रुपये प्रति वर्ष का बिना शर्त नकद हस्तांतरण देने का वादा किया था।
विशेषज्ञों की राय
जिंदल स्कूल ऑफ गवर्नमेंट और पब्लिक पॉलिसी के एसोसिएट प्रोफेसर गुरप्रीत सिंह ने कहा कि ईपीएफओ योजना मांग आधारित नहीं है। उन्होंने कहा, “बजट भाषण में कहा गया है कि श्रमिकों को लाभ मिलेगा, लेकिन यह कैसे होगा जब नियोक्ता की विवेक पर यह निर्भर है कि वह भर्ती करेगा या नहीं।”
सीबीजीए (सेंटर फॉर बजट एंड गवर्नेंस अकाउंटेबिलिटी) के पूर्व सदस्य सिंह ने इन योजनाओं को “तदर्थ व्यवस्था” करार दिया और कहा, “घोषणाएं मुख्य रूप से एक बार की भुगतान हैं। नियोक्ता सरकार से लगातार समर्थन देखेगा, न कि एक बार की सहायता। इसलिए, इससे ज्यादा बदलाव नहीं होगा।”