डेली संवाद, शिमला | Shimla: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला(Shimla), इन दिनों सैलानियों से खचाखच भरी हुई है। ग्रीष्मकाल की तपती धूप से राहत पाने के लिए पर्यटक पहाड़ों की ओर रुख कर रहे हैं और शिमला (Shimla) उनकी पहली पसंद बन गई है। खास बात यह है कि शिमला (Shimla) आने के लिए लोग सबसे ज्यादा ट्रेन यात्रा को प्राथमिकता दे रहे हैं। कालका-शिमला रेलवे लाइन, जो विश्व धरोहर में शामिल है, पर 20 जुलाई तक सभी ट्रेनें पूरी तरह से बुक हो चुकी हैं।
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टॉय ट्रेन का रोमांचक सफर
कालका-शिमला (Shimla) रेलवे को यूं ही विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त नहीं है। यह रेलयात्रा न सिर्फ आपको गंतव्य तक पहुंचाती है, बल्कि अपने आप में एक रोमांचक सफर है। पहाड़ों की कंदराओं को चीरती हुई यह टॉय ट्रेन आपको शिवालिक पहाड़ियों की खूबसूरती से रूबरू कराएगी। हरे भरे जंगल, गहरी खाइयां, झरनों की मनमोहक आवाज – यह सफर आपको प्रकृति के करीब ले जाता है।
बुक हो चुकी हैं 20 जुलाई तक की ट्रेनें
पर्यटकों के भारी उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शिमला आने वाली सभी ट्रेनों में 20 जुलाई तक के लिए सीटें बुक हो चुकी हैं। वर्तमान में इस ट्रैक पर सात रेलगाड़ियां चल रही हैं, जिनमें से कुछ में विशेष पारदर्शी डिब्बे भी हैं। इन डिब्बों में सफर करते हुए आप चलते हुए पहाड़ों के मनोरम दृश्यों का 360 डिग्री दृश्य प्राप्त कर सकते हैं।
पड़ोसी राज्यों से पर्यटकों की लंबी कतार
शिमला (Shimla) की खूबसूरती और सुहावने मौसम का आनंद लेने के लिए न केवल भारत के अलग अलग राज्यों से बल्कि पड़ोसी देशों जैसे भूटान और नेपाल से भी पर्यटक आते हैं। हर साल गर्मी के मौसम में पर्यटकों की आमद में इजाफा होता है, जिससे हिमाचल प्रदेश के पर्यटन उद्योग को भी काफी बढ़ावा मिलता है।
Shimla ट्रेन यात्रा का अनोखा अनुभव
शिमला पहुंचने के लिए कई रास्ते हैं, लेकिन ट्रेन का सफर सबसे ज्यादा आरामदायक और सुविधाजनक माना जाता है। आप न सिर्फ यात्रा के दौरान आराम कर सकते हैं, बल्कि खूबसूरत दृश्यों का भी भरपूर आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, ट्रेन से यात्रा करने पर आपको ट्रैफिक जाम की झंझट से भी बचा रहता है।
103 सुरंगें और 869 पुल
कालका-शिमला रेल मार्ग अपने आप में एक इंजीनियरिंग का कमाल है। यह मार्ग समुद्र तल से 658 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कालका से शुरू होकर 2076 मीटर की ऊंचाई पर स्थित शिमला तक जाता है। अपनी इस 68 किलोमीटर की यात्रा में यह मार्ग 103 सुरंगों को पार करते हुए अपने गंतव्य तक पहुंचता है। इन सुरंगों में से सबसे लंबी है बड़ोग रेलवे स्टेशन पर स्थित 33 नंबर की बड़ोग सुरंग, जिसकी लंबाई 1143.61 मीटर है।
यही नहीं, इस रास्ते में आपको 869 छोटे-बड़े पुल भी मिलेंगे। पहाड़ों के बीच से गुजरते हुए इन पुलों को पार करना आपकी यात्रा को और भी रोमांचकारी बना देता है। इस रेल मार्ग को ‘नैरोगेज लाइन’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां रेल की पटरियों की चौड़ाई केवल दो फीट छह इंच है।