डेली संवाद, नई दिल्ली। Rahul Gandhi: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) केरल की वायनाड सीट (Wayanad Seat) से इस्तीफा देंगे और रायबरेली (Rae Bareli) से सांसद बने रहेंगे। वायनाड से प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) उपचुनाव लड़ेंगी। सोमवार को कांग्रेस की 2 घंटे की बैठक के बाद राहुल और खड़गे ने इसका ऐलान किया।
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राहुल ने कहा- वायनाड और रायबरेली से मेरा भावनात्मक रिश्ता है। मैं पिछले 5 साल से वायनाड से सांसद था। मैं लोगों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।
प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन मैं समय-समय पर वायनाड का दौरा भी करूंगा। मेरा रायबरेली से पुराना रिश्ता है, मुझे खुशी है कि मुझे फिर से उनका प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा, लेकिन यह एक कठिन निर्णय था।
वायनाड को राहुल की कमी महसूस नहीं होने दूंगी- प्रियंका
राहुल के ऐलान पर प्रियंका ने कहा, ‘मुझे वायनाड का प्रतिनिधित्व करने में बहुत खुशी होगी। मैं उन्हें उनकी (राहुल गांधी की) अनुपस्थिति महसूस नहीं होने दूंगी। मैं कड़ी मेहनत करूंगी। सभी को खुश करने और एक अच्छा प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करूंगी।

मेरा रायबरेली और अमेठी से बहुत पुराना रिश्ता है, इसे तोड़ा नहीं जा सकता। मैं रायबरेली में भी अपने भाई की मदद करूंगी। हम दोनों रायबरेली और वायनाड में मौजूद रहेंगे।’
खड़गे बोले- प्रियंका को लड़ाने का फैसला कांग्रेस पार्टी का
मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा- राहुल 2 लोकसभा सीटों से जीते हैं, लेकिन कानून के मुताबिक, उन्हें एक सीट खाली करनी होगी।

राहुल रायबरेली सीट अपने पास रखेंगे और वायनाड लोकसभा सीट खाली करेंगे। हमने फैसला किया है कि प्रियंका वायनाड से चुनाव लड़ेंगी।
राहुल की रायबरेली चुनने की वजह
- रायबरेली लोकसभा सीट गांधी परिवार का गढ़ है।
- गांधी परिवार के मुखिया ने हमेशा UP से ही राजनीति की। पिता राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) अमेठी और परदादा जवाहरलाल नेहरू इलाहाबाद से चुनाव लड़ते रहे हैं। रायबरेली सीट से मां सोनिया, दादी इंदिरा और दादा फिरोज गांधी सांसद रहे।
- रायबरेली की जीत इस लिहाज से भी बड़ी है कि परिवार ने अमेठी की खोई सीट भी हासिल कर ली।
- सोनिया गांधी ने सीट छोड़ते समय रायबरेली की जनता से कहा था- मैं अपना बेटा आपको सौंप रही हूं।
- परिवार के लोग भी चाह रहे हैं कि राहुल रायबरेली का प्रतिनिधित्व करें।
- पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की भी सलाह है कि राहुल रायबरेली सीट अपने पास रखें।
- सोनिया ने राहुल को समझाया था कि UP कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी है। इसलिए उन्हें रायबरेली अपने पास रखना चाहिए।
- कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव संचालन समिति के एक सदस्य ने बताया कि सीईसी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राहुल रायबरेली लोकसभा सीट पर बने रहें।
कोई व्यक्ति एक साथ दो सदनों का सदस्य नहीं हो सकता
संविधान के तहत कोई व्यक्ति एक साथ संसद के दोनों सदनों या संसद और राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं हो सकता। न ही एक सदन में एक से ज्यादा सीटों का प्रतिनिधित्व कर सकता है।
संविधान के अनुच्छेद 101 (1) में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 68 (1) के तहत अगर कोई जनप्रतिनिधि दो सीटों से चुनाव जीतता है, तो उसे रिजल्ट घोषित होने के 14 दिन के भीतर एक सीट छोड़नी होती है। अगर एक सीट नहीं छोड़ता है, तो उसकी दोनों सीटें रिक्त हो जाती हैं।
सीट छोड़ने के यह हैं नियम
- अगर कोई सदस्य लोकसभा या किसी सीट से इस्तीफा देना चाहता है तो उसे सदन के स्पीकर को इस्तीफा भेजना होता है।
- नई संसद के गठन में अगर स्पीकर या डिप्टी स्पीकर नहीं है तो ऐसी स्थिति में प्रत्याशी के द्वारा इलेक्शन कमीशन को त्यागपत्र सौंपा जाता है।
- इसके बाद इलेक्शन कमीशन के द्वारा रेजिग्नेशन लेटर की एक कॉपी सदन के सचिव को भेज दी जाती है।