डेली संवाद, नई दिल्ली। World Day Against Child Labour: पूरी दुनिया में प्रत्येक वर्ष 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (World Day Against Child Labour) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की पहल अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने की थी, जिसका मकसद बाल श्रम को रोकना और बच्चों को शिक्षा की ओर प्रेरित करना था। इस दिवस का प्रमुख उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें बाल श्रम से मुक्ति दिलाना है।
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World Day Against Child Labour क्यों मनाया जाता है ये दिन?
दुर्भाग्य से आज भी बहुत से देशों में छोटे-छोटे बच्चों को ईंट भट्टों में, कारखानों में या फिर सड़कों पर मजदूरी करनी पड़ती है। उनकी मासूमियत छीन ली जाती है और उन्हें खेलने-कूदने और पढ़ाई करने का मौका नहीं मिल पाता है। इस दिन को इसीलिए मनाया जाता है कि लोगों को याद दिलाया जाए कि ये गलत है। बच्चों को मजदूरी नहीं करनी चाहिए, उन्हें स्कूल जाना चाहिए और खेलना चाहिए।
इस साल का नारा क्या है?
हर साल विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के मौके पर एक नई थीम रखी जाती है, जो लोगों को इस समस्या के प्रति जागरूक करने और इसके उन्मूलन के लिए प्रेरित करने का काम करती है। इस साल की थीम “सभी के लिए सामाजिक न्याय, बाल श्रम का खात्मा” (Social Justice for All. End Child Labour) है। इस थीम का उद्देश्य सभी के लिए सामाजिक न्याय की स्थापना करना और बाल श्रम को समाप्त करना है।
बाल श्रम (Child Labour) के आंकड़े और वर्तमान स्थिति

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, आज के समय विश्व के कई देशों में करीब 160 मिलियन बच्चे बाल श्रम में लगे हुए हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि हर दस बच्चों में से एक बच्चा बाल श्रम कर रहा है। पिछले कुछ दशकों में बाल श्रम को कम करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन संघर्षों, संकटों और कोरोना महामारी के कारण लाखों बच्चों को बाल श्रम के लिए मजबूर होना पड़ा है।
World Day Against Child Labour का महत्व
बाल श्रम का मुख्य कारण गरीबी है। गरीबी के चलते बच्चों को अपनी पढ़ाई छोड़कर काम करना पड़ता है। कई बार बच्चे अपराध रैकेट द्वारा बाल श्रम के लिए मजबूर किए जाते हैं। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करना है ताकि बाल श्रम को समाप्त किया जा सके।
बाल श्रम से निपटने के लिए जागरूकता और शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इस दिवस के माध्यम से लोगों को यह संदेश दिया जाता है कि बच्चों को शिक्षा का अधिकार है और उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण में बड़ा होने का अवसर मिलना चाहिए।
आइए, हम सब मिलकर बाल श्रम के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान दें और एक ऐसा समाज बनाएं जहाँ हर बच्चा सुरक्षित, शिक्षित और खुशहाल हो।