ब्रैम्पटन शहर (कनाडा)। Canada News: कनाडा (Canada) में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या के बाद भारत (India) को लेकर तरह तरह के बयान दिए गए। इस बीच कनाडा और भारत के बीच तनातनी भी बढ़ गई। भारत बार-बार कनाडा को चेता रहा है कि वहां खालिस्तानी तेजी से अपनी गतिविधियां बढ़ा रहे हैं, जो भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी है।
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इसके बावजूद कनाडा (Canada) बाज नहीं आ रहा है। ऐसे लोगों पर रोक नहीं लगा पा रहा है। अब कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का महिमामंडन किया गया (Canada Indira Gandhi Assassination) है। उनके हत्यारों को सम्मानित किया गया।
इंदिरा गांधी के पुतले को सिख अंगरक्षक गोली मारते दिखे
बकायदा झांकी निकाली गई और जिसमें इंदिरा गांधी के पुतले को सिख अंगरक्षक गोली मारते दिखाए जा रहे हैं। जैसे इसके वीडियो सामने आए सनसनी फैल गई। दबाव बढ़ा तो अब भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने सफाई दी है। उन्होंने इन घटनाओं की निंदा की। कहा, ऐसी रिपोर्ट से मैं स्तब्ध हूं।
कनाडा के उच्चायुक्त ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, रविवार को ब्रैम्पटन शहर में प्रदर्शित की गई तस्वीरों से कनाडा सरकार अवगत है। कनाडा की स्थिति स्पष्ट है- हम हिंसा को बढ़ावा देना कभी भी स्वीकार्य नहीं कर सकते। सरकार को इस मामले की पूरी जानकारी दी गई है।
खालिस्तानी आतंकी क्यों मनाते हैं खुशी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कनाडा की सरकार इस मामले की जांच कर रही है, कि आखिर ऐसा प्रदर्शन कैसे हुआ? दरअसल, 1984 में भारतीय सेना ने खालिस्तानी आतंकियों को खदेड़ने के लिए स्वर्ण मंदिर पर धावा बोला था। इसे ऑपरेशन ब्लूस्टार के नाम से जाना जाता है।
तब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं और खालिस्तानी आतंकियों का कहना है कि उन्होंने ही इस कार्रवाई के लिए आदेश दिए। ठीक उसी वर्ष इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड को खालिस्तानी आतंकी खुशी का मौका मानते हैं। इसी मकसद से रविवार को कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में परेड निकाली गई थी।
झांकी में दिखाई सबकुछ
परेड में इंदिरा गांधी का पुतला दिखाया गया था जिस पर उनके अंगरक्षकों ने गोलियां चलाई थीं। पोस्टर में यह भी लिखा था कि उन्हें 21 अक्टूबर 1984 को सज़ा दी गई थी। यह झांकी वैंकूवर में भारत के वाणिज्य दूतावास के सामने हुए विरोध प्रदर्शन के ठीक तीन दिन बाद निकाली गई।
मामला तेजी से उछला, तो कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने एक्स पर पोस्ट किया, कनाडा में हिंसा को बढ़ावा देना कभी भी स्वीकार्य नहीं है।