डेली संवाद, जालंधर/नई दिल्ली। Jalandhar News: अमृतसर की एक महिला अशोक कुमारी ने जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के खिलाफ कानूनी लड़ाई जीती है। यह मामला पिछले तीन वर्षों से चल रहा था। महिला के परिवार ने इस मामले में पूरी तरह से समर्थन दिया और अंततः न्याय मिला।
अशोक कुमारी ने 18 दिसंबर 2020 को जालंधर के उपभोक्ता आयोग में जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के खिलाफ केस दायर किया था। उन्होंने आयोग को सेवाओं में कोताही की पूरी बात बताई। अशोक कुमारी ने आरोप लगाया था कि जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने उनके प्लॉट को अवैध रूप से कब्जा लिया था। अशोक कुमारी ने बताया कि उन्होंने इस प्लॉट को अपने जीवन की जमा-पूंजी से खरीदा था, लेकिन ट्रस्ट ने बिना किसी सूचना के इस प्लॉट पर कब्जा कर लिया।
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अशोक कुमारी ने पहले जालंधर इंप्रूवमेंट के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की
अशोक कुमारी ने पहले ट्रस्ट के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। मजबूर होकर उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया। लेकिन मार्च 2023 में अशोक कुमारी का निधन हो गया। इसके बाद उनके बच्चों मायूरी (25) और कुनाल (23) ने इस केस को जारी रखा। उन्होंने अपने माता-पिता के सपनों को साकार करने के लिए इस लड़ाई को जारी रखा।
अशोक कुमारी के परिवार ने इस मामले को सुलझाने के लिए वकील की मदद ली। उनके वकील ने बताया कि यह एक मुश्किल लड़ाई थी। ट्रस्ट ने कई बार मामले को खारिज करने की कोशिश की। लेकिन अशोक कुमारी और उनके परिवार ने हिम्मत नहीं हारी। मायूरी और कुनाल ने हर कदम पर संघर्ष किया और आखिरकार सच्चाई की जीत हुई।
अदालत ने अशोक कुमारी के पक्ष में फैसला सुनाया

अदालत ने कहा कि जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने अवैध रूप से प्लॉट पर कब्जा किया था। अदालत ने ट्रस्ट को आदेश दिया कि वह तुरंत प्लॉट को अशोक कुमारी के परिवार को वापस करे और मुआवजा भी दे।
इस फैसले से अशोक कुमारी का परिवार बहुत खुश है। मायूरी और कुनाल ने कहा कि यह न्याय की जीत है। उन्होंने अपने माता-पिता का धन्यवाद किया जिन्होंने हर मुश्किल में उनका साथ दिया। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई आसान नहीं थी, लेकिन उनके परिवार के सहयोग से यह संभव हो पाया।
इस मामले ने कई लोगों का ध्यान खींचा है। स्थानीय लोगों ने अशोक कुमारी की हिम्मत और संघर्ष की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह एक उदाहरण है कि कैसे सच्चाई की लड़ाई लड़ी जानी चाहिए।
जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट के प्लाट बेचने के नाम पर धोखाधड़ी का मामला
जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने अब तक इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन यह मामला एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे आम आदमी अपने अधिकारों के लिए लड़ सकता है और जीत सकता है।
अशोक कुमारी का यह संघर्ष और उनकी जीत उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। यह साबित करता है कि अगर इरादे मजबूत हों तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। उनके परिवार ने दिखा दिया कि एकजुट होकर किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।
इस मामले का अंत भले ही खुशहाल हो, लेकिन यह सवाल उठाता है कि प्रशासनिक संस्थाओं को कैसे अधिक जिम्मेदार और जवाबदेह बनाया जा सकता है। अशोक कुमारी का मामला यह याद दिलाता है कि न्याय के लिए संघर्ष हमेशा जारी रहना चाहिए और हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए।