डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जिस अवैध कालोनी में टैंट गाड़कर 6 साल पहले निकाय मंत्री रहे नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने प्रेस कांफ्रेंस कर जालंधर नगर निगम के 8 अधिकारियों को सस्पैंड किया था, वह अवैध कालोनी पूरी तरह से गुलजार हो गई है। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि सस्पैंड किए गए सभी अधिकारियों पर की गई कार्रवाई की चार्जशीट ही गायब हो गई है।
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हैरानी की बात तो यह है कि सस्पैंड किए गए इन अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश हुए थे, लेकिन मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की बजाए इन अधिकारियों को उल्टे प्रमोट कर दिया। न केवल इन्हें प्रमोट किया गया, बल्कि इन्हें वहीं पोस्टिंग दी गई, जहां इनके खिलाफ गलत काम करने के आरोप थे।
इसका खुलासा आरटीआई के जरिए हुए है। आरटीआई एक्टिविस्ट करणप्रीत सिंह ने सरकार ने इस केस के बारे में जानकारी मांगी थी। जानकारी में पता चला कि जालंधर नगर निगम में चार्जशीट ही नहीं है। जबकि चंडीगढ़ से चार्जशीट जालंधर नगर निगम को भेजी गई थी।
पिछले 6 साल से चार्जशीट दबी
सूत्र बता रहे हैं कि पिछले 6 साल से चार्जशीट दबी है। इस चार्जशीट को दबाने में नगर निगम कमिश्नर और मेयर के दफ्तर के कुछ बाबू शामिल हैं। इन बाबुओं की सीधे तौर पर बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों से सांठगांठ है। जिससे न तो चार्जशीट बाहर निकल कर आई और न ही कोई कार्रवाई हो सकी।
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मजेदार बात तो यह है कि इस चार्जशीट को लेकर जालंधर और चंडीगढ़ में कोई पूछताछ भी नहीं हुई। इस 6 साल के दौरान एक अधिकारी रिटायर भी हो गया। इसके अलावा बाकी 7 अधिकारी प्रमोट होकर नौकरी कर रहे हैं।
यह था मामला
2018 में कांग्रेस की सरकार के समय 15 जून 2018 को निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की थी। उन्होंने 8 अधिकारी सस्पेंड कर दिए थे। सिद्धू ने जालंधर निगम के एसटीपी, एसटीपी, एमटीपी, एटीपी और इंस्पेक्टरों को सस्पैंड कर दिया था।
यही नहीं, निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू ने इन सभी 8 अफसरों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने की सिफारिश भी की थी। इनके इलाके में अवैध बिल्डिंग और कालोनी के मालिकों को भी नामजद किया गया था।
एफआइआर करने के भी निर्देश
जालंधर नगर निगम के अफसरों को निलंबित करने के साथ ही इनके खिलाफ आइपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व म्यूनिसिपल एक्ट की धारा 298 के तहत एफआइआर करने के भी निर्देश दिए। दो अन्य बिल्डिंग इंस्पेक्टरों को चार्जशीट किया गया है।
सिद्धू के साथ तत्कालीन डायरेक्टर लोकल बॉडीज करुनेश शर्मा, निगम कमिश्नर बसंत गर्ग, एडिशनल कमिश्नर विशेष सारंगल, डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी और निगम के अन्य अफसर भी मौजूद थे।
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गुलमोहर सिटी के पीछे बनी अवैध कालोनी में टेंट लगाकर सिद्धू ने प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान सिद्धू ने कहा कि उन्हें 93 बिल्डिंग और कॉलोनियों की शिकायत मिली थी। इनमें से जालंधर में उन्होंने 35 स्थानों का ही दौरा किया। इनमें एक भी स्थान ऐसा नहीं मिला जहां पर कानून का पालन किया गया हो। हर जगह सरकार के राजस्व को चूना लगाया गया है और अधिकारियों की मिलीभगत से सारा खेल खेला जा रहा था।