डेली संवाद, नई दिल्ली। Parenting Tips: अगर आप पहली बार मां बनी हैं तो लाजिमी है कि बच्चे की परवरिश मुश्किल होगी। हालांकि घर के बड़े- बुजुर्ग गाइड तो करते हैं, लेकिन काफी हद तक बच्चे का खाना- पीना और सोना ये सारी चीजें एक मां को ही समझनी होती है।
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छोटे बच्चे का लिवर बहुत कमजोर होता है, वो सब कुछ हजम नहीं कर सकता है, इसलिए खासकर 1 साल से छोटे बच्चे को डाइट बहुत ही सोच-समझकर देनी चाहिए। सिर्फ दूध ही बच्चे को सारे पोषण नहीं दे सकता है।
रिफाइंड शुगर (Refined Sugar)
सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने पैरेंट्स को एडवाइस किया है कि 2 साल से कम के बच्चे को अलग से चीनी खाने को न दें। किसी फूड में एक्स्ट्रा चीनी मिलाकर देना ना केवल दांत खराब कर देता है, बल्कि इससे बच्चे को केवल मीठा खाना ही पसंद आता है। जिसकी वजह से बड़े होने होने पर उन्हें टाइप 2 डायबिटीज और दूसरे क्रॉनिक डिसीज का खतरा रहता है।
गाय का दूध (Cow’s Milk)
गाय के दूध में वैसे तो कई सारे न्यूट्रिशन होते हैं, लेकिन 12 महीने से कम उम्र के बच्चे के लिए ये सही नहीं है। इसमें हैवी प्रोटीन और मिनरल्स होते हैं बच्चा हजम नहीं कर पाता है। इससे उनकी किडनी पर भी स्ट्रेस पड़ता है।
नमक (Salt)
7 से 12 महीने के बच्चों को डेली करीब 0.37 ग्राम सोडियम देना चाहिए। जो कि बच्चे के लिए फार्मूला मिल्का से पूरी हो जाती है। ऐसे में बच्चे को अलग से नमक मिलाकर खाना न दें। कुछ पैरेंट्स बच्चों को चिप्स, फ्राइज, क्रिस्प जैसी चीजें खाने को देते हैं जो बच्चे की किडनी को भी खराब कर सकती हैं क्योंकि सोडियम की ज्यादा मात्रा किडनी पर दवाब डालती है।
चीज (Cheese)
बच्चों को पनीर या चीज न दें। इसमें काफी सारी तरह की बैक्टीरिया होती हैं जो बच्चे की नाजुक बॉडी को नुकसान पहुंचा सकती है।
शहद (Honey)
शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं और ये बच्चों की इम्यूनिटी को बढ़ाता है। लेकिन 1 साल से कम उम्र के बच्चों को शहद नहीं खिलाना चाहिए। कई जगह बच्चों को शहद चटाने की रस्म भी की जाती है, जो की गलत है। शहद खाने से बच्चों की सेहत को खतरा रहता है, जो चीनी खाने से रहता है।
जूस (Juice)
इन्हें फ्रूट जूस भी न दें। इसमें मौजूद न्यूट्रिशनल वैल्यू बच्चे के काम नहीं आती। बल्कि इसमें मौजूद शुगर से बच्चे के दांत खराब हो जाते हैं।
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