डेली संवाद, जालंधर (सुनील प्रभाकर)। Jalandhar News: शुक्रवार-शनिवार की मध्य रात करीब 1 बजे हैं। मैं सिटी रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ा हूं। स्टेशन कैंपस से आगे शहर को जाने वाली सड़क पर कई दुकानें हैं। इनमें खाने के लिए कई ढाबे भी हैं। लेकिन ये सभी बंद थे। दूसरी तरफ वहां एक शराब का ठेका जरूर खुला नजर आ गया। खाने के लिए कुछ मुसाफिर ढाबे के पास गए, पूछा बंद क्यों है, तो जवाब मिला – पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा का आदेश है।
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कोहरे और घनी धुंध के कारण कई ट्रेन रद्द हो गई थीं। बहुत से मुसाफिर रेलवे स्टेशन पर फंसे हुए थे। उनमें से कई मुसाफिर देर रात करीब 1 बजे रेलवे स्टेशन के गेट के बाहर आकर बने ढाबों के दरवाजे खटखटाने लगे, तो अंदर से ढाबा मालिक बोले कि पुलिस का आदेश है कि सुबह होने से पहले ढाबा नहीं खोल सकते हैं।
पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा बहुत सख्त हैं
मुसाफिरों ने काफी मिन्नतें हैं कि भूख लगी है ढाबे का दरवाजा खोल दो लेकिन अंदर से ढाबा मालिक कि आवाज आई कि आजकल जालंधर के पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा बहुत सख्त हैं, हम उनके आदेश को नहीं टाल सकते हैं। रात में खाना नहीं मिलेगा, सुबह ढाबे खुलेंगे तब खाना मिलेगा।

देर रात को ढाबे नहीं खुलेंगे
इसे लेकर जब ढाबा मालिक से बात कि गई तो उन लोगों ने बताया कि पुलिस का मानना है कि देर रात इन ढाबों के बाहर असमाजिक तत्व आकर खड़े होते हैं, जिससे पुलिस ने यह आदेश जारी किया है। पुलिस के आदेश के मुताबिक देर रात को ढाबे नहीं खुलेंगे। हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस असमाजिक तत्वों को पकड़ने की बजाए ढाबे ही बंद करवा दिए, जिससे रोजाना सैकड़ों मुसाफिरों को भूखे सोना पड़ रहा है।
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इसके उलट रेलवे स्टेशन के पास शराब ठेका 24 घंटे खुला रहता है। उसे रात को भी बंद करने का आदेश पुलिस नहीं देती। हालत यह है कि जालंधर जैसे बड़े शहर में मुसाफिरों को भूखे पेट सोने के लिए मजबूर होना पड़ता है। वहीं शराब का ठेका रात भर खुला रहता है।