डेली संवाद, ऋषिकेश। Uttarakhand News: ऋषिकेश गंगा तट पर संतों और राष्ट्रीय सैनिक संस्था ने मिलकर संकल्प लिया है कि राष्ट्रीय एकीकरण और चरित्र निर्माण के लिए स्कूलों मे प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण लागू करवाया जाएगा। पिछले दिनों परमार्थ निकेतन गंगा तट पर राष्ट्रीय सैनिक संस्था का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
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इसमें पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, उतराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल, पूज्य जैनाचार्य लोकेश जी, महंत रविंद्रपुरी जी महाराज अध्यक्ष अखाड़ा परिषद, साध्वी भगवती सरस्वती जी, अध्यक्ष डिवाइन शक्ति फाउंडेशन, लेफ्टिनेंट जनरल अश्वनी कुमार बक्शी, एडवोकेट अश्वनी उपाध्याय, आंध्र प्रदेश सरकार के सलाहकार राजन छिब्बर, मेजर जनरल एमएल असवाल शामिल थे।
प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण लागू किया जाए
राष्ट्रीय सैनिक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर चक्र प्राप्त कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी एवं देश भर से आए राष्ट्रीय सैनिक संस्था के 400 शीर्ष पदाधिकारियों के साथ मिलकर गंगा आरती के समय संकल्प लिया और सरकार से मांग भी की कि “राष्ट्रीय एकीकरण एवं चरित्र निर्माण के लिए स्कूलों मे प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण लागू किया जाए।
देश से पलायन का कारण गरीबी नहीं बल्कि आपसी अविश्वास है। कब क्या हो जाए कुछ पता नहीं। आपसी विश्वास को कायम करने के लिए राष्ट्रीय एकीकरण जरूरी है। राष्ट्रीय एकीकरण मे वाधा है लंबे समय तक आरक्षण, Son of the Soil का कॉन्सेप्ट, भाषा और सनातन का विरोध, असंतुलित आर्थिक विकास आदि।
चरित्र निर्माण का काम पूर्व सैनिक कर सकते है
यह सब कुछ हो रहा है राष्ट्रीय चरित्र की कमी की वजह से। चरित्र निर्माण का काम पूर्व सैनिक कर सकते है। जब भी कोई प्राक्रतिक या कत्रिम आपदा देश में आती है, फौज को बुलाया लिया जाता है और स्थिति नियंत्रण मे आ जाती है क्योंकि प्रत्येक सैनिक के पास प्रशिक्षण हैं, कर्तव्यनिष्ठा हैं, अनुशासन हैं और इमानदारी है।
जो क्षमता सेवा रत सैनिक के पास है वो क्षमता सेवा निवर्त सैनिक के पास भी है। चूंकि अविश्वास, भ्रष्टाचार, जवाब देही भी एक आपदा बन चुके है और इस आपदा का नियंत्रण पूर्व सैनिक कर सकते है। इसके लिए स्कूलों मे 8वीं कक्षा में प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण लागू किया जाए। यह कार्य राष्ट्रीय सैनिक संस्था द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर संचालित किया जा सकता है।
सार्वजनिक संपत्ति मे तोड़ फोड़ भी नहीं करेंगे
इस प्रशिक्षण के बाद युवा बसों को नहीं जलाएंगे, सार्वजनिक संपत्ति मे तोड़ फोड़ भी नहीं करेंगे, आपदा प्रबंधन, पेट्रोलिंग और एमबुश के जानकार होंगे। संविधान की धारा 51 (ए ) के 11 कर्तव्यों का पालन करेंगे और एक जागरूक नागरिक अथवा अच्छा सिपाही बनने के लिए तैयार होंगे।
कोई अच्छा बदलाव तब तक नहीं आया और तब तक नहीं आएगा जब तक संत और सैनिक मिलकर काम नहीं करेंगे। 1857 मे स्वामी ओमानन्द, स्वामी वृजानंद, स्वामी सम्पूर्णानन्द और स्वामी दयानंद सरस्वती ने रानी लक्ष्मी बाई, तात्या टौपे, ज्वाला प्रसाद और नानाजी को बुलाकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए 3100 रुपये दिए थे और योजना बताई थी। आज भी स्वामी चिदानंद सरस्वती जी के साथ मिलकर गौरव सेनानियों ने शपथ ली है।
राष्ट्रीय सैनिक संस्था करेगी काम
सभी स्कूलों मे 8 वीं कक्षा के स्तर पर प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण लागू करवाया जाएगा जिसका संचालन राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सैनिक संस्था करेगी। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के कैप्टन केपी सिंह, गौरव सेनानी ज्ञान सिंह, ज्ञानेन्द्र त्यागी, सुमन त्यागी, तमिलनाडु की मँजामबीका नमबीआर, उत्तराखंड से कर्नल एमके शर्मा, गौरव सेनानी बी पी शर्मा, सीमा त्यागी, स्वेता तलवार, बृजेश त्यागी आदि मौजूद थे।
इसके अलावा राहुल पूरी, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से राजीव खोसला, नवीन बेमल, वेद प्रकाश, हरियाणा से नवीन जय हिन्द, केके एस माकेन, चित्रलेखा, पश्चिमी बंगाल से बिजॉय नायक, जोशना दत्ता, मध्य प्रदेश से कर्नल एम के त्यागी, मनोज मिश्रा, विजय बहादुर मिश्रा, नागपूर से मुकेश गोयल मौजूद थे।
जम्मू कश्मीर से मकबूल मलिक, हैदराबाद से मनीष अग्रवाल, दादरा नगर हवेली से गौतम, राजस्थान से मधू शर्मा, श्याम लाल, पोर्ट ब्लेयर से डा एस सुदर्शन, मणिपुर से सत्यजित अरीबम, बलूचिस्तान से मीर यार, महाराष्ट्र से हरीशचंद बद्रीनाथ राठौर, राम सिंह सांघा, बिहार से सुनंदा, अरुण फौजी मौजूद थे।
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हिमाचल से योगेश शर्मा, पंजाब से श्रीमती रामा महाजन, झारखंड से मनोज पूट्टू सहित राष्ट्रीय सैनिक संस्था के 400 चुनिंदा और शीर्ष पदाधिकारियों ने गंगा तट पर प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण प्रारंभ करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर RAT MINERS वकील हसन, मुन्ना कुरेसी, फिरोज मलिक, नसीम मलिक, इरसाद अंसारी, रसीद अंसारी एवं रिजवाँन अहमद को भी तलवार भेंट कर सम्मानित किया गया।