काठमांडू। Nepal Earthquake Update: नेपाल में भूकंप ने फिर से भारी तबाही मचाई है। नेपाल में अब तक 128 लोगों की मौत की खबर है। जबकि भारत के कई राज्यों में शुक्रवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेपाल में आई आपदा को लेकर प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने भूकंप से हुई मानवीय और भौतिक क्षति पर दुख व्यक्त किया।
ये भी पढ़ें: ट्रैवल एजैंट विनय हरि के खिलाफ DCP से शिकायत, FIR दर्ज करने की मांग
नेपाली अधिकारियों ने पुष्टि की है कि रुकुम पश्चिम में 35 से ज्यादा लोगों की मौत हो हुई है, जबकि जाजरकोट जिले में 90 से अधिक लोगों की जान गई है। भूकंप के बाद से रेस्क्यू फोर्स बचाव अभियान में जुटी है।
बता दें, शुक्रवार रात करीब 11.30 बजे नेपाल के पश्चिमी इलाके में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है। वहीं, प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के लिए रवाना हुए हैं। साथ ही, भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने भूकंप के कारण हुई जान-माल की हानि पर दुख व्यक्त किया है।
40 सेकंड तक लगे झटके
नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप मापन केंद्र के अधिकारियों के अनुसार, रात 11.47 बजे भूकंप आया, जिसका केंद्र जाजरकोट में जमीन के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप का असर भारत और चीन में भी महसूस किया गया। भारत में भी करीब 40 सेकंड तक झटके महसूस किए गए।
वहीं, नेपाल की राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया। जाजरकोट काठमांडू से लगभग 500 किलोमीटर पश्चिम में है। भूकंप का झटका महसूस होते ही काठमांडू में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। इस दौरान लोग सड़कों पर डरे सहमे दिखे।
ये भी पढ़ें: जालंधर में महिला के साथ तांत्रिक ने कर डाला ये ‘कांड’
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने भूकंप के कारण जान-माल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया है। नेपाल के पीएमओ ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने शुक्रवार रात 11.47 बजे जाजरकोट के रामीडांडा में आए भूकंप से हुई मानवीय और घरों की क्षति पर गहरा दुख व्यक्त किया है। घायलों के तत्काल बचाव और राहत के लिए सभी तीन सुरक्षा एजेंसियों को लगाया गया है।
साल 2015 में आया था शक्तिशाली भूकंप
बता दें, हिमालयी देश नेपाल में भूकंप आना आम बात है। वर्ष 2015 में 7.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने पूरे देश का हिलाकर रख दिया था, जिसमें 12,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और हजारों घर ध्वस्त हो गए थे।