ओटावा। Canada News, Canada’s Anti-India Referendum Fails: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (PM Justin Trudeau) का भारत विरोधी अभियान फ्लाप हो गया है। ब्रिटिश कोलंबिया में लंबे समय से प्रतीक्षित भारत विरोधी जनमत संग्रह को बुरी तरह से विफल कहा है। सरे गुरुद्वारे में पुलिस तैनाती के बीच आयोजित जनमत संग्रह बुरी तरह से फेल रहा। यह वही गुरुद्वारा है जहां जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा करते हुए आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता की संभावना है। वहीं भारत सरकार ने खालिस्तानी उग्रवादी की मौत के आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया, जिसे नई दिल्ली ने पहले ही ‘आतंकवादी’ करार दिया था।
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भारत ने कनाडा से अपने उन दावों के लिए सबूत पेश करने के लिए भी कहा था, जिसके कारण राजनयिकों को जैसे का तैसा निष्कासन का भी सामना करना पड़ा था। बताया गया कि सरे में मतदान 2000 से अधिक नहीं था, जिससे जनमत संग्रह प्रक्रिया में नई भागीदारी की कमी पर जोर दिया गया।
स्थानीय स्रोतों से प्राप्त रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि इस बार, पिछले जनमत संग्रह में भाग लेने वाले लोगों का केवल वही समूह सामने आया, जिसमें मुख्य रूप से छात्र प्रतिभागी शामिल थे, कोई नया समूह शामिल नहीं हुआ। 10 सितंबर को हुए पिछले जनमत संग्रह में 1.35 लाख वोटों का दावा किया गया था, लेकिन वास्तविक मतदान महज 2398 वोट था।
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सरे में निराशाजनक प्रतिक्रिया के बाद अगले साल एबॉट्सफ़ोर्ड, एडमॉन्टन, कैलगरी और मॉन्ट्रियल में जनमत संग्रह आयोजित करने की चर्चा हो रही है। वहीं कभी-कभी ‘सिख फॉर जस्टिस’ जैसे अलगाववादी संगठन इन अनौपचारिक ‘खालिस्तान जनमत संग्रह’ का आयोजन करते हैं। जिसे भारत में अतीत में ‘चरमपंथी तत्वों द्वारा राजनीति से प्रेरित अभ्यास’ के रूप में वर्णित किया है।
दूसरी ओर, भारत इस मामले में लंबे समय से कनाडाई सरकार पर दबाव बना रहा है और उनसे अपने देश में स्थित व्यक्तियों और समूहों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों को रोकने का आह्वान किया है, जिन्हें भारतीय कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है।