डेली संवाद, नई दिल्ली। Ayurvedic Bathing Rules: नहाना शरीर को साफ और स्वच्छ रखने के लिए बेहद जरूरी है ये तो आप जानते ही होंगे लेकिन अगर आप सही तरीके से नहाते हैं तो इससे भी सेहत और त्वचा को कई तरह के फायदे मिलते हैं, लेकिन बाथरूम में गए, जल्दी-जल्दी शरीर पर साबुन लगाया, पानी गिराया, टॉवेल से पोछा और 3 से 5 मिनट में नहाने का कार्यक्रम खत्म।
इससे न ही सही तरीके से शरीर की गंदगी साफ होती है और न ही दूसरे लाभ मिलते हैं। शरीर पर जमी गंदगी सही तरीके से साफ न होने से ये कई बीमारियों की वजह बन सकती है, इस वजह से नहाने का सही तरीका जानना बेहद जरूरी है। दूसरा नहाने के बाद तन के साथ मन भी फ्रेश हो जाता है।
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आयुर्वेद में जिस तरह सही समय पर खानपान, उठने-जागने और योग करने के नियम होते हैं उसी तरह नहाने के भी कुछ नियम हैं। जिन्हें फॉलो करना हो सकता है बेहद फायदेमंद। आइए जान लेते हैं इनके बारे में।
नहाने का सही समय
आयुर्वेद के अनुसार सूर्योदय से पहले उठना, शौच क्रिया निपटाना, दांत साफ करने के तुरंत बाद नहाना सबसे उपयुक्त समय होता है। लेकिन भागदौड़ और आलस के चक्कर में या तो हम कहीं निकलने से पहले नहाते हैं और अगर जरूरत न हो, तो कई बार नहाते भी नहीं हैं।
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जिससे दिनभर आलसपन का एहसास होता रहता है। अगर आप स्वस्थ शरीर के साथ मन को भी दुरुस्त रखना चाहते हैं, तो नहाने के इस नियम का पालन करें और फिर देखें फर्क। इससे दिनभर आप तरोताजा फील करते हैं। रात को नींद भी अच्छी आती है।
पानी का सही तापमान
आयुर्वेद के मानें, नहाने के लिए ठंडे या गुनगुने पानी का इस्तेमाल शरीर के लिए हर तरीके से लाभदायक है। बहुत तेज गर्म पानी से नहाने में भले ही आपको मजा आए, लेकिन ये शरीर के लिए नुकसानदायक है। इससे ड्राइनेस बढ़ती है। बालों के लिए गर्म पानी तो और भी ज्यादा नुकसानदायक है। इससे बाल रफ हो सकते हैं और ज्यादा मात्रा में टूटने लगते हैं।
नहाने से पहले करें तेल-मालिश
आयुर्वेद में नहाने से पहले शरीर पर तेल की मालिश को कई मायनों में फायदेमंद बताया गया है। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और मांसपेशियों की ऐंठन भी दूर होती है, तो नहाने से पहले सरसों, नारियल, तिल या बादाम के तेल से ऊपर से लेकर नीचे तक शरीर की मालिश करें। लगभग आधा घंटा ऐसे ही रखें फिर नहाएं।
शरीर को खुद से सूखने दें
नहाने के बाद शरीर को टॉवेल या गमछे से घिस-घिसकर सुखाना बिल्कुल भी सही नहीं होता, बल्कि दो से मिनट ऐसे ही रहने दें। पानी खुद ब खुद सूख जाता है। रगड़ने से त्वचा छील सकती है और कई बार जब समय-समय पर टॉवेल को न धोया जाए, तो गंदगी की वजह से स्किन को भी नुकसान पहुंचता है।