डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: पिछले महीने जब ऋषिपाल सिंह ने नगर निगम के कमिश्नर का चार्ज संभाला था, तो उन्होंने पत्रकारों को दिए इंटरव्यू में कहा था कि स्मार्ट सिटी के कार्यों में धांधली हुई, इसकी डेप्थ में जाकर खुद जांच करूंगा। साथ ही शहर में अवैध रूप से बन रही कामर्शियल इमारतों को सील करेंगे या फिर डिच चलाएंगे।
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ये तो कमिश्नर ऋषिपाल सिंह का दावा था, जो बिल्कुल फुस्स हो गया। जिस स्टेडियम में करोड़ों रुपए की धांधली खुद कमिश्नर ने पकड़ी, वह अचानक ठीक हो गया। जिन अवैध कामर्शियल इमारतों को पूर्व में तैनात निगम कमिश्नरों ने रुकवाया था, डिच चलवाया था, वह अब कंपलीट होने की कगार पर है। मतलब न तो डेप्थ में जांच हुई और न ही अवैध कामशर्यिल इमारतों पर कोई एक्शन।
ताजा मामला मखदूमपुरा रिहाईशी इलाके का है। यहां मल्टी स्टोरी कामर्शियल इमारत बन गई। जबकि इस इमारत की शुरूआत में ही आरटीआई एक्टिविस्ट रवि छाबड़ा ने शिकायत की थी। पूर्व के कमिश्नरों ने इसे रुकवा भी दिया था। लेकिन नए कमिश्नर के आने के बाद यहां मल्टी स्टोरी कामर्शियल बिल्डिंग बन गई।
आरटीआई एक्टिविस्ट रवि छाबड़ा ने एक बार फिर से नए कमिश्नर ऋषिपाल सिंह से शिकायत की है। रवि छाबड़ा के मुताबिक मखदूमपुरा जैसे रिहाइशी इलाके में मल्टी स्टोरी कामर्शियल शोरूम बना कर लोगों की जिंदगी दांव पर लगाना है। उन्होंने कहा कि शिकायत के बाद भी निगम के अधिकारी कोई एक्शन नहीं ले रहे हैं।
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रवि छाबड़ा ने कहा है कि इस कामर्शियल इमारत की लगातार शिकायतें करते आए हैं, लेकिन इंस्पैक्टर, एटीपी और एमटीपी कोई भी मौके पर जाकर काम नहीं रुकवाया। हालत यह है कि आज वहां मल्टी स्टोरी कामर्शियल इमारत बन गई, जो मोहल्ले के लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
इस संबंध में जब एमटीपी विजय कुमार और एमटीपी बलिंदर सिंह से पक्ष जानने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कहा कि इसकी रिपोर्ट एटीपी से मांगेंगे। अगर इमारत नाजायज बनी है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि सूत्र बताते हैं कि ये नाजायज कामर्शियल इमारत बिल्डिंग ब्रांच के ही अफसरों की मेहबानी से बनी है।