डेली संवाद, कपूरथला। IKGPTU News: जालंधर/कपूरथला/चंडीगढ़ ( ) इंडस्ट्री एवं एजुकेशन सेक्टर में बढ़ती दूरी को समाप्त करना, विद्यार्थिओं को डिग्री करने का सही उदेश्य समझाना, पढाई के प्रति टीचर्स एवं स्टूडेंट्स की जिम्मेदारी बढ़ाना, यह सभी जिम्मेदारियां एजुकेशनल इंस्टीटूशन्स की हैं। वर्तमान में इन जिम्मेदारियों को और करीब से समझते हुए काम करने की जरूरत पंजाब, पंजाबियत एवं देश के हित में बेहद जरूरी है।
इंस्टीट्यूट सुनिश्चित करें कि प्रत्येक इंजीनियरिंग छात्र उद्योग (इंस्डस्ट्री) का दौरा करें, वहां काम करें और प्रशिक्षण लें। यह विचार आई.के.गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आई.के.जी पी.टी.यू) के कुलपति डा.सुशील मित्तल के हैं। वे बुधवार को यूनिवर्सिटी की 54वीं अकादमिक काउंसिल की मीटिंग को सम्बोधित कर रहे थे। मीटिंग यूनिवर्सिटी के मुख्य कैम्पस में हुई।
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इसमें पंजाब भर के एफिलिएटेड कॉलेजों के प्रिंसिपल्स/डायरेक्टर ने बतौर अकादमिक काउंसिल सदस्य भाग लिया। यूनिवर्सिटी कुलपति डा.सुशील मित्तल ने बतौर चेयरमैन अकादमिक काउंसिल मीटिंग अध्यक्षता की। रजिस्ट्रार डा.एस.के.मिश्रा ने बतौर काउन्सिल सचिव मीटिंग को शुरू किया। डीन अकादमिक प्रो (डा.) विकास चावला ने सभी एजेंडा काउंसिल के सम्मुख रखे।
कुलपति डा.मित्तल ने इस बात को स्पष्ट किया कि अकादमिक काउन्सिल गंभीर होगी, अपनी जिम्मेदारी समझेगी तभी युवा पीढ़ी सही दिशा में आगे बढ़ेगी। अकादमिक काउंसिल की मीटिंग में 45 एजेंडा रखे गए, जिन पर सामान्य प्रतिक्रिया एवं चर्चा के बाद काउंसिल की सहमति बनी। इसमें दो एजेंडा स्टैच्चोरि रहे, दो फॉर इनफार्मेशन जबकि 32 एजेंडा अनुसमर्थन (रेटिफिकेशन) के तौर पर रखे गए। कुल 08 एजेंडा चर्चा एवं प्रस्ताव के तौर पर पेश हुए।
केवल एक एजेंडा टेबल एजेंडा का हिस्सा रहा। मुख्य एजेंडा में यूनिवर्सिटी रिसर्च बोर्ड की मई 2022 की मीटिंग में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए हुई करवाई की रिपोर्ट से सभी को अवगत करवाना, पुराने स्टूडेंट्स को स्पेशल चांस देने पर सहमति देना, कालेजों द्वारा यूनिवर्सिटी के विभिन्न कोर्सेस की फीस में बढ़ोतरी की मांग उठाना, विशेष घटनात्मक पहलुओं के तहत विद्यार्थिओं को आगे बढ़ने की अनुमति देना, नाम शोध के संधर्व में फैंसला लेना शामिल रहा।
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कालेजों की तरफ से मांग रखी गई है कि यूनिवर्सिटी के विभिन्न कोर्सेस की फीस में बीते 15 साल से बढ़ोतरी नहीं की गई है, जबकि इस दौरान टीचर्स के स्केल एवं ने कैम्पस खर्च में बे-इन्तेहाँ बढ़ोतरी हुई है। इस पर काउंसिल सचिव रजिस्ट्रार डा. मिश्रा ने स्पष्ट किया कि यह मद सरकार के तकनीकी शिक्षा एवं औद्योगिक सिखलाई विभाग के पास पहले से फैसले के लिए पेंडिंग है कार्रवाई चल रही है।
इसी तरह गोल्डन चांस परीक्षा एवं विशेष घटनात्मक पहलुओं के तहत विद्यार्थियों को अवसर देने पर कुलपति डा.सुशील मित्तल ने स्पष्ट किया कि इस पर सभी इंस्टीटूशन्स को मिलकर काम करने की जरूरत है, ताकि विद्यार्थी पढाई, डिग्री हासिल करना नहीं बल्कि गंभीरता से सही एवं तय समय सीमा में पूरी करें। उन्होंने कहा कि वे पढाई में ऐसी रिलैक्सेशन के पक्ष में नहीं हैं जो गंभीरता कम करती हो।
रजिस्ट्रार डा.एस.के.मिश्रा ने धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने एवं यूनिवर्सिटी की तरफ से हल ही में लिए गए इन्क्यूबेशन सेंटर इस्टैब्लिशमेंट के फैंसले से सभी को वगत करवाया। उन्होंने आई.एस.बी एवं आई.आई.आई.टी हैदराबाद की तरफ से मिले प्रस्ताव की जानकारी भी काउंसिल से सांझी की! मीटिंग में यूनिवर्सिटी के सभी डीन, विभाग मुखी, अन्य कैम्पस डायरेक्टर एवं विषय विशेषज्ञ उपस्थित रहे।