कनाडा। Canada News: भारत और कनाडा के बीच बढ़ रही तल्खी के बीच कनाडा सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कनाडा सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। कनाडा सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि भारत जाने वाले कनाडा के नागरिक जम्मू कश्मीर, लद्दाख समेत केंद्र शासित प्रदेश में न जाने की सलाह दी है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ओर से खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर संगीन आरोप लगाए जाने के बाद दोनों देशों की सरकारों के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। भारत सरकार ने ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। भारत ने कनाडा के सीनियर डेप्लोमेट को 5 दिन के अंदर देश छोड़ने का आदेश भी दे दिया है। वहीं, भारत ने भी कनाडा के डिप्लोमैट को निष्कासित कर दिया है।
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इस घटना के बाद कनाडा ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी लागू की है। विवाद के बीच कनाडा ने अपने नागरिकों को भारत की यात्रा को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है। कनाडा की सरकार ने ट्रैवल एडवाइजरी में अपने नागरिकों से कहा, “अप्रत्याशित सुरक्षा स्थिति के कारण केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की यात्रा से बचें।
"Avoid all travel to the Union Territory of Jammu and Kashmir due to the unpredictable security situation. There is a threat of terrorism, militancy, civil unrest and kidnapping. This advisory excludes travelling to or within the Union Territory of Ladakh," says Canada in its… pic.twitter.com/AxV7aZ18q3
— ANI (@ANI) September 19, 2023
कनाडा सरकार ने एडवाइजरी में कहा है कि आतंकवाद, उग्रवाद, नागरिक अशांति और अपहरण का खतरा है।” कनाडाई सरकार ने अपनी ट्रैवल एडवाइजरी में भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की यात्रा को शामिल नहीं किया है। इससे पहले बढ़ते विवाद के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि वह भारत को उकसाने की कोशिश नहीं कर रहा है।
निज्जर की हत्या के बाद तल्खी
ट्रूडो ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, भारत सरकार को इस मामले को बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत है। हम ऐसा कर रहे हैं, हम उकसाने या इसे आगे बढ़ाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। भारत ने कनाडा की तरफ से लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा- “कनाडा के सभी आरोप बेतुके हैं। इसी तरह के आरोप कनाडाई प्रधानमंत्री ने हमारे पीएम मोदी के सामने भी रखे थे। उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था।”
आप को बता दें कि कनाडाई नागरिक निज्जर की दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गत 18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी। ट्रूडो ने सोमवार को संसद में कहा था कि जून में निज्जर की हत्या और भारत सरकार के एजेंट के बीच ‘संभावित संबंध के पुख्ता आरोपों’ की कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां पूरी सक्रियता से जांच कर रही हैं।
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आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पूरी दुनिया में भारत के बाद सबसे ज्यादा सिख कनाडा में ही रहते हैं। कनाडा की कुल आबादी तकरीबन 3 करोड़ 82 लाख है। इनमें से 2.6% यानी 9 लाख 42 हजार 170 पंजाबी हैं। पंजाब के लोग न केवल कनाडा में नौकरी करते हैं, बल्कि वहां की सरकार में भी उनका अच्छा-खासा दबदबा है।
बिजनेस, फार्मिंग सेक्टर में भी उनका रूतबा है। इसके अलावा हरियाणा, राजस्थान, यूपी, नई दिल्ली और दक्षिण भारत के कई राज्यों के लोग बड़ी संख्या में कनाडा में हैं। भारत से हर साल हजारों स्टूडेंट्स भी कनाडा जाते हैं। कनाडा में इस समय पंजाब के तकरीबन एक लाख 60 हजार स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। ये सब स्टडी वीजा पर वहां गए हैं। अकेले पंजाब से हर साल औसतन 50 हजार युवा पढ़ने के लिए विदेश जाते हैं।
पंजाबी स्टूडेंट के डिपोर्ट का खतरा
कनाडा और भारत के बीच तल्ख होते रिश्ते के कारण व्यापार ही नहीं, बल्कि कनाडा में बड़ी संख्या में रहने वाले भारतीय लोगों, खासकर पंजाबियों पर भी असर पड़ेगा। पूरी दुनिया में भारत के बाद सबसे ज्यादा सिख कनाडा में ही रहते हैं। कनाडा में इस समय पंजाब के तकरीबन एक लाख 60 हजार स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं।
ये सभी स्टूडेंट स्टडी वीजा पर वहां गए हैं। अकेले पंजाब से हर साल औसतन 50 हजार युवा पढ़ने के लिए विदेश जाते हैं। ये नौजवान कनाडा और दूसरे मुल्कों में पढ़ाई के साथ-साथ अपना खर्चा निकालने के लिए वहां छोटा-मोटा काम भी कर लेते हैं। यदि प्रति स्टूडेंट 25 लाख रुपए भी फीस मानी जाए तो हर साल अकेले पंजाब से करीब 12,500 करोड़ रुपए विदेश जाते हैं।
यह रकम वीजा फीस, कॉलेज फीस और विदेश में रहने के बदले में चुकाए जाने वाले टैक्स के रूप में भरी जाती है। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा कनाडा को ही मिलता है। कनाडा कभी नहीं चाहेगा कि उसकी यह इनकम खत्म हो। हालांकि अगर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता है तो कनाडाई सरकार भारतीय स्टूडेंट्स के लिए अपने नियम सख्त बना सकती है। इसमें उनका वीजा कैंसिल कर डिपोर्ट करना भी शामिल है।