डेली संवाद, श्रीहरीकोटा। Aditya L1 Launch: इसरो (ISRO) ने आज सुबह 11.50 बजे भारत का पहला सौर मिशन Aditya L1 सफलतापूर्वक लॉन्च किया। Aditya L1 को PSLV-C57 रॉकेट से लॉन्च किया गया है। PSLV Aditya L1 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा। जहां से Aditya L1 अंतरिक्ष यान अपने शक्तिशाली लिक्विड अपोजी मोटर्स (एलएएम) इंजन का उपयोग करके अपनी कक्षा को कई बार बढ़ाएगा।
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जो आदित्य-एल1 को उसकी मंजिल तक ले जाएगा – जोकि लगभग 15 लाख किमी है। लैग्रेंज प्वाइंट-1 (एल1) तक पहुंचने में दूरी प्रमुख भूमिका निभाएगी। यह पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी का 1/100वां भाग है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारत का पहला सौर मिशन, आदित्य एल1 सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
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सूर्य का विस्तृत अध्ययन करने के लिए आदित्य एल1 सात अलग-अलग पेलोड ले जा रहा है। इसरो का सौर मिशन आदित्य एल-1 पेलोड पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकलते ही अलग हो गया है। फिलहाल इसरो के मुताबिक तीसरे चरण को अलग कर दिया गया है। इसरो के अनुसार, सूर्य और पृथ्वी के बीच पांच लैग्रेंजियन बिंदु हैं। L1 बिंदु सूर्य को निरंतर देखने के लिए एक बड़ा लाभ प्रदान करेगा।
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इसरो ने कहा कि सूर्य पृथ्वी का सबसे निकटतम तारा है और इसलिए इसका अध्ययन अन्य की तुलना में अधिक विस्तार से किया जा सकता है। इसरो ने कहा कि आकाशगंगा और अन्य आकाशगंगाओं के तारों की तुलना में सूर्य के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है।
सूर्य में कई विस्फोटक घटनाएं घटती हैं और इससे सौर मंडल में बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। यदि ऐसी विस्फोटक सौर घटनाएँ पृथ्वी की ओर बढ़ती हैं, तो वे पृथ्वी के निकट अंतरिक्ष के वातावरण में कई गड़बड़ी पैदा कर सकती हैं।