डेली संवाद, खन्ना। Punjab News: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने मणिपुर में अल्पसंख्यकों पर हमलों में तेजी से बढ़ोतरी , विशेष रूप से मणिपुर में ईसाई समुदाय के खिलाफ जातीय हिंसा की निंदा की तथा साथ ही उन्होने पिछले महीने राज्य में बाढ़ के दौरान धान की फसल बर्बाद होने पर अंतरिम मुआवजा जारी करने से इंकार करके किसान समुदाय को विफल करने के लिए आम आदमी पार्टी की कड़ी आलोचना की है।
अकाली दल अध्यक्ष गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराने के आंदोलन में सरदार करनैल सिंह ईसड़ू द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को चिह्मित करने के लिए विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे। सरदार बादल ने कहा कि मणिपुर और नूंह में हिंसा और सुधारात्मक कदम उठाने में राज्य सरकारों की विफलता ने देश में अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा की भावना पैदा की है।
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उन्होंने कहा,‘‘ हम इस प्रवृत्ति की निंदा करते हैं और देश में शांति भंग करने की कोशिश करने वालों के लिए अनुकरणीय सजा की मांग करते हैं’’। उन्होने कहा कि अकाली दल पीड़ितों तक पहुंचाने और उन्हे न्याय दिलाने में मदद करने के लिए मणिपुर और नूंह में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की प्रक्रिया में है। उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों और सरकारों से भी पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल ने जिस तरह से पंजाब की प्रगति के मार्ग में सभी धार्मिक समूहों को साथ लिया उससे सीख लेना चाहिए।
सरदार बादल ने आम आदमी पार्टी की समूची कृषि अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने और किसानों और गरीबों को बेहिसाब कष्ट देने के लिए निंदा की। उन्होने कहा कि जो किसान पिछली फसल के नुकसान के लिए राहत का इंतजार कर रहे थे, पटियाला, मानसा, शाहकोट सहित राज्य के कई इलाकों में हजारों एकड़ में धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद होने के मुआवजे के रूप मं एक रूपया भी नही दिया गया।
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उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बावजूद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन लोगों को मुआवजा देने की ओर से आंखे मूंद ली, जिनके घर बाढ़ के पानी से तबाह हो गए हैं। अकाली दल उन सभी लोगों के लिए 50 हजार रूपया प्रति एकड़ के अंतरिम मुआवजे की मांग करता है, जिनकी फसल बाढ़ से तबाह हो गई तथा साथ ही जिन लोगों के घर बाढ़ के पानी से तबाह हो गए उनके लिए 5 लाख रूपया मुआवजे की मांग की।
उन्होंने कहा कि अगर वादे के मुताबिक ऐसा नही किया गया तो पार्टी आप सरकार पर किसानों से किया गया वादा पूरा करने के लिए दबाव बनाने के लिए धरना देगी। अकाली दल अध्यक्ष ने धोखा देने के लिए मुख्यमंत्री की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भगवंत मान ने वीआईपी कल्चर को खत्म करने का वादा किया था, लेकिन उनका परिवार सैंकड़ों पुलिस कर्मियों के साथ राज्य में घूम रहा है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह राज्य का पूरा शासन आप आलाकमान को सौंप दिया गया है जो गैर-पंजाबियों को शीर्ष पदों पर तैनात कर रहा है और यहां तक कि सरकारी नौकरियों के लिए पंजाब के युवाओं के बजाय बाहरी लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है। यह कहते हुए कि इस सरकार के कार्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा गरीब प्रभावित हो रहा है।