डेली संवाद, जालंधर। DIPS: विश्व स्तर पर मशहूर चेस का खेल एक समय पर भारत के राजा-महाराजाओं के लिए दिमाग का खेल हुआ करता था। जीवन में चेस का महत्व समझाने के लिए विश्व शतरंज दिवस पर डिप्स चेन के स्कूलों में इंटर हाउस चेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
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इसमें स्कूल के चारो सदन के बच्चों ने भाग लेकर अपनी दिमागी शक्ति का प्रदर्शन किया। सभी ने बहुत ही बढ़िया चाल चल कर अपने प्रतिभागी को हराने की कोशिश की। प्रिंसिपल्स ने बच्चों को बताया कि वर्ल्ड चेस फेडरेशन की स्थापना 20 जुलाई 1924 में हुई थी। इतिहास से ही चेस एक बहुत ही शाही खेल रहा है।
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राजा-महाराज इस दिमागी खेल के माध्यम से अपने बहुत ही अहम फैसले लेते थे। कई बार युद्ध की रणनीति भी इसी खेल से तय होती थी। इससे आप कम समय में अपनी समस्या का हल ढूंढने में माहिर हो जाते है। सीईओ मोनिका मंड़ोत्रा ने कहा कि खेल-कूद, कसरत शरीर को तंदरूस्त रखने के लिए काफी है।
वहीं दिमाग के लिए हमें कसरत करनी जरूरी है। शतरंज खेलने से मेमोरी बूस्ट होती है, अवसाद और चिंता का खतरा कम होता है। चेस खेलने के लिए खिलाड़ी को चालें याद रकने और सीखने की आवश्यकता होती है ऐसे में आपकी याददाशत मजबूत होती है।