डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: हमेशा करप्शन के चलते विवादों में बनी रहने वाली मकसूदां से विधिपुर तक की रोड का उद्घाटन मुख्यमंत्री भगवंत मान से करवाने की योजना है। कहा जा रहा है कि इस योजना को खुद नगर निगम के अधिकारी ने तैयार की है। मकसूदां -विधिपुर वही रोड है, जहां पिछले पांच साल से करीब 4 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, अब निगम इस पर फिर से 2.22 करोड़ रुपए खर्च करने जा रहा है।
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तो आइए जानते हैं, मकसूदां-विधिपुर रोड घोटाले की पूरी कहानी। यह वह रोड है, जो नेताओं और अफसरों के लिए किसी सोने के अंडे देने वाली मुर्गी से कम नहीं है। क्योंकि इस डेढ़ किमी रोड को नगर निगम के अफसर कागजों में हर साल बनाते और बिगाड़ते हैं। पिछली बार अगस्त 2021 में इसी रोड पर मेयर रहे जगदीश राजा ने 26.44 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किया था। तब भाजपा और अकाली दल के पार्षदों ने करप्शन का आरोप लगा कर हाउस में जमकर हंगामा किया था।
हैरानी की बात तो यह है कि तब भी इसका एस्टीमेट एसई राहुल धवन ने 26.44 लाख रुपए तैयार किया था और अब 2.22 करोड़ रुपए का एस्टीमेट राहुल धवन ने ही बनाया है। यही नहीं, दो साल पहले जब विपक्ष ने करप्शन को लेकर हंगामा हुआ, तब तत्कालीन मेयर जगदीश राजा ने मौके पर जाकर मुआयना किया था और राहुल धवन के एस्टीमेट को क्लीन चिट दे दी थी। ये सभी खबरें उस समय अखबारों में प्रमुखता से प्रकाशित भी की गई थी।
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आपको बता दें कि ये वही सड़क है, जिसकी विजीलैंस जांच आज तक पूरी नहीं हो सकी। साल 2017 में इस सड़क की तत्कालीन विधायक राजिंदर बेरी और विधायक बावा हैनरी ने विजीलैंस को पत्र लिखकर मांग की थी कि इस रोड को बनाने के नाम पर एक ठेकेदार को 3 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। कागजों में तो 3 करोड़ दे दिए गए, लेकिन मौके पर रोड नहीं बनी।
राजिंदर बेरी और बावा हैनरी ने इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और डीजीपी को पत्र लिखा था। इसपर इसकी जांच शुरू हुई, विजीलैंस की चार टीमें भी बनाई गई, विजीलैंस की ये टीम सड़क की जांच भी शुरू कर दी। इस रोड के आसपास के मोहल्ले के लोगों के बयान भी लिए गए, लोगों ने भी बताया कि सड़क बनी ही नहीं है।